एक मजबूत इस्पात चक्र और जेएसडब्ल्यू स्टील द्वारा किए गए उपायों के बल पर भूषण पावर ऐंड स्टील (बीपीएसएल) वित्त वर्ष 2022 में अपना बेहतरीन वित्तीय प्रदर्शन दर्ज करने के लिए तैयार है।
जेएसडब्ल्यू टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं ग्रुप सीएफओ शेषागिरि राव ने पुष्टि की है कि बीपीएसएल इस वित्त वर्ष में अपना सर्वश्रेष्ठ वित्तीय प्रदर्शन दर्ज करेगी। उन्होंने कहा, ‘बीपीएसएल अच्छा करेगी। हम 100 फीसदी क्षमता पर परिचालन करने में समर्थ हैं।’
दिसंबर 2021 में समाप्त पिछले 9 महीनों के दौरान भूषण पावर ऐंड स्टील ने करीब 4,850 करोड़ रुपये का एबिटा और 3,200 करोड़ रुपये का कर पश्चात लाभ दर्ज किया है। वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान मुनाफा इससे पिछली तिमाही के मुकाबले कम रहा क्योंकि इस्पात की मांग में कुछ नरमी दर्ज की गई और इनपुट लागत बढ़ गया। लेकिन पिछली दो तिमाहियों के दौरान प्रति टन एबिटा 26,000 रुपये रहा है।
कैपिटालाइन के डेटाबेस के अनुसार, बीपीएसएल के लिए साल 2003 से 2017 के बीच सर्वाधिक कर पश्चात लाभ 2014 में 635.49 करोड़ रुपये रहा जबकि शुद्ध बिक्री 10,312.93 करोड़ रुपये की रही। जुलाई 2017 में बीपीएसएल को भारतीय रिर्ज बैंक के निर्देश पर ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी) के तहत समाधान के लिए नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) भेज दिया गया था। जबरदस्त बोली प्रक्रिया के बाद 27 लाख टन का यह संयंत्र मार्च 2021 में जेएसडब्ल्यू स्टील का हुआ। इसके लिए उसने लेनदारों को 19,350 करोड़ रुपये का भुगतान किया जबकि इससे संबंधित मुकदमेबाजी फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। तभी से जेएसडब्ल्यू स्टील इसकी लागत घटाने और बिक्री बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
राव ने कहा, ‘हमने सिंटर संयंत्र, कोक ओवन संयंत्र और बेनिफिसिएशन संयंत्र को चालू किया है। इसलिए लागत में कमी आई है।’ मूल्यवद्र्धित डाउनस्ट्रीम भी पूरी तरह परिचालन में है। राव ने कहा, ‘हम हर महीने 2 लाख एचआर कोल का उत्पादन करते हैं इसमें से महज 30 हजार टन ही बाजार जाता है। शेष मूल्यवद्र्धित रूप में होता है। ये ऐसी कुछ ताकतें हैं जिनका हम फायदा उठा रहे हैं।’
वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के दौरान मिलीजुली बिक्री में निर्यात की हिस्सेदारी 36 फीसदी रही। राव ने कहा, ‘इससे पहले बीपीएसएल इतनी मात्रा में निर्यात नहीं करती थी लेकिन अब निर्यात काफी हो चुका है।’
इस्पात एक चक्रीय उद्योग है और इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव होता रहता है। इसलिए जेएसडब्ल्यू ने ओईएम श्रेणी में बीपीएसएल के निवेश को बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा, ‘हमारे अधिग्रहण से पहले यह मुख्य रूप से खुदरा बाजार पर ध्यान केंद्रित करती थी। लेकिन जब आप खुदरा बाजार पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो मामूली बदलाव का भी तत्काल प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमने ओईएम श्रेणी में बिक्री को बढ़ाते हुए इसे स्थिरता दी है।’
