भारती एयरटेल का शेयर मंगलवार को दूसरे दिन तेजी बरकरार रखने में सफल रहा। कंपनी के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने सोमवार को कहा कि दर वृद्घि दूरसंचार उद्योग के लिए एकमात्र विकल्प थी। यह घोषणा कंपनी बोर्ड द्वारा 21,000 करोड़ रुपये के राइट इश्यू को मंजूरी दिए जाने के बाद की गई।
मित्तल ने कहा कि मासिक एआरपीयू (औसत राजस्व प्रति उपयोगकर्ता) मौजूदा 146 रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 के अंत तक 200 रुपये पर होना चाहिए। इन घटनाक्रम की वजह से एयरटेल का शेयर बीएसई पर 667.95 रुपये की सर्वाधिक ऊंचाई पर पहुंच गया और आखिर में 7 प्रतिशत तेजी के साथ 663.70 रुपये पर बंद हुआ। इसके साथ ही उसकी दो दिन की तेजी 12.7 प्रतिशत हो गई, जबकि सेंसेक्स के लिए यह 2.5 प्रतिशत रही।
विश्लेषक कोष उगाही योजना को कंपनी की बैलेंस शीट को मजबूत प्रदान करने के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। साथ ही उन्हें वोडाफोन आइडिया की कमजोरी की वजह से बड़े अवसर हासिल होने की उम्मीद है। यहां कुछ ब्रोकरों के विचार पेश किए जा रहे हैं:
सीएलएसए
एजीआर और स्पेक्ट्रम देनदारियों की वजह से एयरटेल का ऋण सालाना आधार पर 30 प्रतिशत बढ़ गया है। इसे देखते हुए कंपनी का मानना है कि राइट इश्यू से उसे एकमुश्त अवसर का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि राइट इश्यू समय की जरूरत है ओर जहां एयरटल प्रवर्तक का स्वामित्व (सिंगटेल समेत) 56 प्रतिशत पर उचित दिख रहा है, वहीं प्रवर्तक संपूर्ण राइट एंटाइटलमेंट को खरीदेंगे।
एचएसबीसी
यदि हम यह मानें कि राइट इश्यू भुगतान की समय-सीमा तीन साल से अधिक (वित्त वर्ष 2022/वित्त वर्ष 2023 में प्रत्येक में 25 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2024 में 50 प्रतिशत) है और पूंजी का इस्तेमाल सिर्फ कर्ज घटाने में हो तो कर्ज घटकर वित्त वर्ष 2024 के शुद्घ ऋण/एबिटा के 1.77 गुना पर रह सकता है, जबकि हमारे आधार मामले में यह 2.14 गुना है। वहीं ईपीएस वित्त वर्ष 2024 में 4 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। एयरटेल का भारतीय मोबाइल एआरपीयू बढऩे की संभावना है।
एमके ग्लोबल
एयरटेल ग्राहकों की गुणवत्ता और वोडाफोन आइडिया की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए दर वृद्घि का ज्यादा लाभ उठाने के लिहाज से अच्छी स्थिति में है। वित्त वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में दर वृद्घि की संभावना और मजबूत नकदी प्रवाह को देखते हुए, मौजूदा बैलेंस शीट अच्छी तरह से पोषित है, और मौजूदा कोष उगही 5जी स्पेक्ट्रम खरीदारी के लिए निवेश वृद्घि से संबंधित है।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज
पिछले चार वर्षों में एयरटेल के भारतीय मोबाइल व्यवसाय में 40 प्रतिशत की एबिटा वृद्घि से 12,000-15,000 करोड़ रुपये की एफसीएफ (मुक्त नकदी प्रवाह) सृजन क्षमता पैदा हुई है। हालांकि भारतीय दूरसंचार बाजार तेजी से उभर रहा है और इससे भारती को बड़ा लाभ हासिल करने में मदद मिल रही है। इसलिए एयरटेल के लिए आगामी 5जी और संबंधित फाइबर निवेश के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी।
शेयरखान
संभावित दर वृद्घि के साथ साथ मजबूत 4जी ग्राहक वृद्घि, पोस्ट-पेड ग्राहकों में लगातार बढ़ोतरी और गैर-वायरलेस व्यवसाय में मजबूत वृद्घि की संभावना से वित्त वर्ष 2021-वित्त वर्ष 2023 के दौरान एयरटेल की एबिटा वृद्घि बढ़कर 22 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह शेयर अपनी वित्त वर्ष 2023 की ईवी/एबिटा के 8 गुना मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है। शेयरखान के विश्लेषकों का कहना है कि हम एयरटेल की कोष उगाही योजना पर सकारात्मक बने हुए हैं।
कोटक सिक्योरिटीज
एयरटेल की इक्विटी पूंजी उगाही से मध्यावधि में वीआईएल के संभावित तौर पर बाहर होने की पर्याप्त गुंजाइश पैदा हो सकती है। भारती को ग्राहकों में किसी तरह की संभावित तेजी का लाभ उठाने के लिए अपनी नेटवर्क क्षमता बढ़ाने की जरूरत हो सकती है।
एडलवाइस सिक्योरिटीज
आगामी उद्योग समेकन की संभावना अधिक है। अपनी मजबूत बैलेंस शीट और शानदार नेटवर्क को देखते हुए एयरटेल के पास बाजार भागीदारी बढ़ाने का अवसर है। अब तक, उसका क्रियान्वयन मजबूत रहा है, लेकिन आरजियो गूगल की भागीदारी में सस्ते हैंडसेट की पेशकश के साथ इस भागीदारी में सेंध लगा सकती है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज
एयरटेल का मानना है कि डिजिटल निवेश कमजोर हुआ है, लेकिन विंक, एयरटेल आईक्यू आदि के साथ व्यवसायों में बड़ा बदलाव आया है। कंपनी की पुनर्गठन योजना से सभी डिजिटल परिसंपत्तियां पैतृक इकाई में शामिल हो जाएंगी, और उसने भविष्य में अलग डिजिटल राजस्व खुलासे की योजना बनाई है।