भारत फोर्ज के शेयर पर निकट अवधि में दबाव बरकरार रहने के आसार हैं। ट्रक और यात्री वाहन यानी दोनों श्रेणियों में आपूर्ति संबंधी व्यवधान के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बिक्री प्रभावित हो सकती है। यह शेयर नवंबर के अपने शीर्ष स्तर के मुकाबले करीब 16 फीसदी गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।
निकट अवधि की चुनौतियों में उत्तरी अमेरिकी बाजार में भारी ट्रकों की कमजोर मांग भी है। लगातार तीसरे महीने क्लास 8 ट्रक के ऑर्डर में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई है। नवंबर में ट्रकों का ऑर्डर 9,500 वाहनों का रहा जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 82 फीसदी कम और अक्टूबर के मुकाबले 41 फीसदी कम है। पिछले साल वर्षों का यह सबसे कम मासिक ऑर्डर है।
हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि ऑर्डर में गिरावट की मुख्य वजह कलपुर्जों खासकर सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में व्यवधान रही है। इसका मांग से कोई लेनादेना नहीं है। आपूर्ति के मोर्चे पर दिख रही अनिश्चितता के मद्देनजर ट्रक विनिर्माता अपनी खरीदारी को फिलहाल टाल रहे हैं क्योंकि बड़े ऑर्डर के कारण बड़े बैकलॉग हो सकते हैं।
अधिकांश विश्लेषकों का मानना है कि आपूर्ति संबंधी व्यवधान से लघु अवधि में ऑर्डर गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं लेकिन कैलेंडर वर्ष 2022 में सुधार की उम्मीद है। एमके रिसर्च के विश्लेषकों का मानना है कि कैलेंडर वर्ष 2022 के दौरान उत्तरी अमेरिकी और यूरोपीय क्षेत्रों में भारी वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में 16 फीसदी की वृद्धि हो सकती है। अटके पड़े ऑर्डरों के अलावा वृद्धि को बेहतर फ्रेट उपलब्धता और ट्रांसपोर्टरों की लाभप्रदता में सुधार से रफ्तार मिलेगी।
हालांकि निर्यात बाजार में लघु अवधि की कुछ चुनौतियां दिख सकती हैं लेकिन बाजार का मानना है कि घरेलू ट्रक बाजार में सुधार होने के आसार हैं। नोमुरा रिसर्च के विश्लेषकों ने कहा कि टाटा मोटर्स द्वारा की गई मूल्य वृद्धि, ट्रक ऑपरेटरों के लाभप्रदता सूचकांक में तेज सुधार और उचित फ्रेट रेट से भी मांग को बल मिलेगा। यह भारत फोर्ज जैसे आपूर्तिकर्ताओं के लिए भी फायदेमंद रहेगा।
इसी प्रकार, यात्री वाहन श्रेणी में कम चैनल इन्वेंट्री, दमदार ऑर्डर बुक और आर्थिक सुधार की अपेक्षाओं से मांग को रफ्तार मिलेगी। औद्योगिक श्रेणी में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है और वह 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई हैं। हालांकि गिरावट के बावजूद वह दमदार स्थिति में है। बें्रट क्रूड की कीमतें बढ़ रही है जो फिलहाल 75 डॉलर प्रति बैरल पर हैं। जिन क्षेत्रों में आर्थिक सुधार और ऑर्डर गतिविधियों में सुधार दिख सकता है उनमें रक्षा, एयरोस्पेस, रेलवे, बिजली आदि शामिल हैं।
भारत फोर्ज के लिए मध्यावधि परिदृश्य दमदार दिख रहा है लेकिन लघु अवधि की चुनौतियों के मद्देनजर निवेशकों को इस शेयर पर दांव लगाने से पहले सुधार का इंतजार करना चाहिए।
