जोहो कॉरपोरेशन के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी श्रीधर वेम्बु का मानना है कि सॉफ्टवेयर-ऐज-ए-सर्विस (सास) व्यवस्था को अगले दो से तीन साल तक वर्ष 2008 जैसे वैश्विक वित्तीय संकट से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए।
वेम्बु ने टीआईई चेन्नई के प्रमुख कार्यक्रम टाईकॉन चेन्नई 2022 के 15वें संस्करण से इतर बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि वर्ष 2008 के वित्तीय संकट की वापसी अलग तरह से होगी, लेकिन उसकी गंभीरता वैसी ही होगाी। अपने पारिस्थितिकी तंत्र को तैयार करना होगा। कुछ वर्षों के लिए रकम व्यवस्था खत्म हो जाएगी और बाजार निष्क्रिय हो जाएगा। हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि (लेकिन) हम अब भी आशावादी हैं। सास उद्योग दमदार है और ग्राहक भी हैं। उन्होंने कहा कि हम एक निश्चित मंदी देख चुके हैं। पिछले साल के मुकाबले हमारी वृद्धि दर में गिरावट आई है।
हम इसमें आठ से 10 फीसदी की गिरावट देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इसमें और गिरावट आएगी। केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि यूरोप और जापान भी अच्छी स्थिति में नहीं हैं और चीन में बुलबुला फूट चुका है। मीडिया की खबरों के मुताबिक वर्ष 2020-21 (वित्त वर्ष 21) में परिचालन से कंपनी के राजस्व में 22.33 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई थी, जबकि इसके लाभ में 139.45 फीसदी का इजाफाहुआ है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 21 में 1,918 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया है, जबकि वर्ष 2019-20 में 800.8 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया गया था। जोहो के राजस्व के प्रमुख संचालक क्लाउड सॉफ्टवेयर सूट लाइसेंस और सॉफ्टवेयर सदस्यता शुल्क के माध्यम से होने वाली बिक्री हैं।
