निवेशकों की कमजोर प्रतिक्रिया के बावजूद स्टार हेल्थ ऐंड अलायड इंश्योरेंस के 7,250 करोड़ रुपये के आईपीओ का आखिरकर बेड़ा पार हो गया। इस पेशकश को महज 79 फीसदी आवेदन मिले, लिहाजा निवेशक बैंकर ओएफएस का हिस्सा घटाने के लिए बाध्य हुए। यह इस साल का तीसरा सबसे बड़ा और अब तक का आठवां सबसे बड़ा आईपीओ है।
डिजिटल पेमेंट दिग्गज पेटीएम के बाद यह इस साल की दूसरी सबसे बड़ी पेशकश है, जिसे निवेशकों की सुस्त प्रतिक्रिया मिली, जो संकेत देता है कि जब कीमत का मामला आता है तो आईपीओ को लेकर रुझान रखने वाले निवेशक भी विवेक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
चूंकि स्टार हेल्थ ने मुनाफे का मानदंड पूरा नहींं किया, लिहाजा इस आईपीओ में 75 फीसदी आवेदन क्यूआईबी के लिए अनिवार्य तौर पर रखना पड़ा। खुदरा श्रेणी के लिए आईपीओ में 10 फीसदी शेयर रहे जबकि अन्य आईपीओ में यह 35 फीसदी होता है।
क्यूआईबी श्रेणी को करीब-करीब पूरा आवेदन मिल गया जबकि संस्थागत निवेशकों की बोली इस आईपीओ में 3,200 करोड़ रुपये की रही और 3,217 करोड़ रुपये एंकर निवेशकों से हासिल हुए। म्युचुअल फंडों ने इस आईपीओ में बोली नहीं लगाई। संस्थागत श्रेणी में 90 फीसदी बोली विदेशी निवेशकों ने लगाई, वीहं देसी संस्थागत मुख्य रूप से बीमा कंपनियों ने 306 करोड़ रुपये की बोली लगाई। सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने सूचीबद्ध बीमा एग्रीगेटर पॉलिसी बाजार ने भी आईपीओ में आवेदन किया, जिससे कंपनी को थोड़ी मदद मिली।
आईपीओ की खुदरा श्रेणी को एक गुना से थोड़ा ज्यादा आवेदन मिला और कुल बोली 784 करोड़ रुपये की रही। एचएनआई श्रेणी व कर्मचारियों के लिए आरक्षित श्रेणी में क्रमश: 19 फीसदी व 10 फीसदी आवेदन मिले।
स्टार हेल्थ को 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा वाले आईपीओ में सबसे कमजोर प्रतिक्रिया मिली, यह जानकारी प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों से मिली। साल 2000 से आईपीओ के ऐसे 19 उदाहरण मिले हैं जहां कमजोर मांग से यह आगे बढ़ाया गया और दो रद्द हुए।
साल 2019 में शापूरजी पलोनजी की कंपनी स्टर्र्लिंग ऐंड विल्सन सोलर के साथ भी ऐसा ही हुआ था। इस इश्यू को महज 86 फीसदी आवेदन मिले, जिसे प्रवर्तक कम शेयर बेचने को बाध्य हुए।
स्टार हेल्थ के आईपीओ में 2,000 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हो रहे हैं जबकि 11 इकाइयों की तरफ से 5,250 करोड़ रुपये का ओएफएस है, जिसमें सेफकॉरर्प इन्वेस्टमेंट इंडिया, एपिस ग्रोथ, यूनिवर्सिटी ऑफ नोट्रे डेम व मियो स्टार शामिल है। सूत्रों ने कहा कि ओएफएस को अब घटाकर करीब 4,400 करोड़ रुपये किया जाएगा।
दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला स्टार हेल्थ के प्रवर्तक हैं, जो देश की पहली व सबसे बड़ी एकल स्वास्थ्य बीमा कंपनी है। झुनझुनवाला की औसत अधिग्रहण लागत 155.3 रुपये प्रति शेयर है और उन्होंने इस आईपीओ में कोई शेयर नहींं बेची।
इस कंपनी में झुनझुनवाला की हिस्सेदारी की कीमत करीब 7,500 करोड़ रुपये है, जो उनके पोर्टफोलियो में टाइटन के बाद स्टार हेल्थ को दूसरा सबसे मूल्यवान शेयर बनाता है।
इस आईपीओ का कीमत दायरा 870 रुपये से 900 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था। कीमत दायरे के ऊपरी स्तर पर कंपनी का मूल्यांकन 51,806 करोड़ रुपये बैठता है।
टेगा इंडस्ट्रीज के आईपीओ को 13.5 गुना बोली
टेगा इंडस्ट्रीज के आईपीओ को पेशकश बंद होने से एक दिन पहले गुरुवार को 13.5 गुना बोली हासिल हुई। इस आईपीओ की खुदरा श्रेणी में 16.8 गुना आवेदन मिले जबकि धनाढ्य निवेशकों की श्रेणी व संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में क्रमश: 19.2 गुना व 3.6 गुना बोली हासिल हुई। टेगा इंडस्ट्रीज खनन उद्योग के लिए सामान बनाती है। यह आईपीओ पूरी तरह से ओएफएस है। इसका कीमत दायरा 443 से 453 रुपये प्रति शेयर है। कीमत दायरे के ऊपरी स्तर पर कंपनी का मूल्यांकन उसकी वित्त वर्ष 21 की आय का करीब 22 गुना है और कंपनी का बाजार पूंजीकरण 3,000 करोड़ रुपये होगा। बीएस
आनंद राठी वेल्थ के आईपीओ को 1.5 गुना आवेदन
आनंद राठी वेल्थ के आईपीओ को पहले दिन गुरुवार को 1.5 गुना बोली मिली। एक दिन पहले प्राइवेट वेल्थ मैनेजर ने 550 रुपये प्रति शेयर (कीमत दायरे का ऊपरी स्तर) पर एंकर निवेशकों को करीब 194 करोड़ रुपये के शेयर आंवटित किए। आनंद राठी वेल्थ का आईपीओ पूरी तरह से 1.2 करोड़ शेयरों का ओएफएस है। कीमत दायरे के ऊपरी स्तर पर इश्यू का आकार 660 करोड़ रुपये का बैठता है। कंपनी प्राइवेट वेल्थ समाधान प्रदाता और म्युचुअल फंड वितरक है। उसकी प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां 31 अगस्त, 2021 को 29,470 करोड़ रुपये की थी। बीएस
