सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ सितंबर में समाप्त दूसरी तिमाही में 97.7 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 526 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शुद्ध ब्याज आय और गैर-ब्याज आय में बढ़ोतरी से बैंक के मुनाफे को मजबूती मिली। पिछले साल की समान अवधि में बैंक का मुनाफा 266 करोड़ रुपये रहा था। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक का मुनाफा 844 करोड़ रुपये था।
बैंंक की शुद्ध ब्याज आय इस अवधि में 6.55 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 4,113 करोड़ ररुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 3,860 करोड़ रुपये और इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3,481 करोड़ रुपये रही थी। शुद्ध ब्याज मार्जिन इस अवधि में घटकर 2.66 फीसदी रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 2.99 फीसदी रहा था। बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी ए के दास ने कहा, उधारी दर में कटौती से मार्जिन पर असर पड़ा और उधारी की सुस्त मांग व प्रतिस्पर्धा का दबाव शुद्ध ब्याज मार्जिन पर असर बना रहेगा।
उधारी की रफ्तार में इजाफा कर बैंक मार्जिन के दबाव की भरपाई करेगा। शुद्ध ब्याज मार्जिन 2.75-3 फीसदी रहने का अनुमान है। बैंक की गैर-ब्याज आय इस अवधि में 21.55 फीसदी की बढ़त के साथ 1,613 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,327 करोड़ रुपये रही थी। ट्रेजरी आय में उथाल से गैर-ब्याज आय को मजबूती मिली। पहली तिमाही में यह 1,707 करोड़ रुपये रहा था।
बैंक का प्रावधान इस अवधि में बढ़कर 2,312.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 2,052.7 करोड़ रुपये रहा था। सितंबर में प्रावधान कवरेज अनुपात 87.91 फीसदी रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 77.12 फीसदी रहा था। बैंक का सकल एनपीए घटकर 13.79 फीसदी रह गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 16.31 फीसदी रहा था और जून 2020 में 13.91 फीसदी। शुद्ध एनपीए घठकर 2.89 फीसदी रह गया, जो सितंबर 2019 में 5.87 फीसदी रहा था। बैंक को उम्मीद है कि सकल
एनपीए व शुद्ध एनपीए मार्च 2021 तक घटकर क्रमश: 5 फीसदी के नीचे व दो फीसदी के नीचे आ जाएगा।
सेंट्रल बैंक का मुनाफा बढ़ा
सेंट्रल बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 20 फीसदी बढ़कर 161 करोड़ रुपये हो गया। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में उसे 134 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। बैंक ने कहा कि उसकी कुल आय चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में करीब 2 फीसदी बढ़कर 6,833.94 करोड़ रुपये रही। एक साल पहले 2019-20 की इसी तिमाही में यह 6,703.71 करोड़ रुपये रही थी।बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) सकल कर्ज के प्रतिशत के रूप में सितंबर, 2020 को समाप्त तिमाही में घटकर 17.36 फीसदी रही, जो एक साल पहले सितंबर, 2019 में 19.89 फीसदी थी।
शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति आलोच्य अवधि में कम होकर 5.60 फीसदी रही, जो एक साल पहले 2019-20 की दूसरी तिमाही में 7.90 फीसदी थी। निरपेक्ष रूप से सकल एनपीए 30,785.43 करोड़ रुपये रहा, जो 2019-20 की दूसरी तिमाही में 33,497.22 करोड़ रुपये था। वहीं शुद्ध एनपीए 8,683.58 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 2019-20 की दूसरी तिमाही में 11,551.91 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि बैंक का एनपीए यानी फंसे कर्ज और आकस्मिक व्यय के एवज में प्रावधान चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर 1,104.92 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 791.33 करोड़ रुपये था।
आईओबी ने दर्ज किया मुनाफा
सरकारी क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 148 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। बैंक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। बैंक ने कहा कि संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार होने से यह लाभ हुआ है। बैंक को साल भर पहले की इसी तिमाही में 2,254 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। बैंक का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की तुलना में 22.3 फीसदी बढ़ा है। पहली तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 121 करोड़ रुपये रहा था। बैंक ने कहा कि इस दौरान उसकी कुल आय साल भर पहले के 5,024 करोड़ रुपये से 8.1 फीसदी बढ़कर 5,431 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। इस दौरान उसकी ब्याज से प्राप्त आय साल भर पहले के 4,276 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,363 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। बैंक ने कहा कि आलोच्य अवधि के दौरान उसकी संपत्ति की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इस दौरान बैंक की सकल गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) 20 प्रतिशत से कम होकर 13.04 प्रतिशत पर आ गई। मूल्य के संदर्भ में यह 28,673.95 करोड़ रुपये से कम होकर 17,659.63 करोड़ रुपये रह गई। इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए 9.84 प्रतिशत यानी 12,507.97 करोड़ रुपये से कम होकर 4.30 प्रतिशत यानी 5,920.60 करोड़ रुपये रह गया। इसके कारण एनपीए व अन्य कारकों के लिए किया जाने वाला प्रावधान 2,996.04 करोड़ रुपये से कम होकर 1,192.55 करोड़ रुपये पर आ गया।
बॉश का एकीकृत घाटा 64.5 करोड़ रुपये
वाहन कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी बॉश लिमिटेड को जुलाई-सितंबर तिमाही में 64.57 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी को 98.40 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ हुआ था। इस दौरान कंपनी की परिचालन आय 2,479.18 करोड़ रुपये रही। पिछले साल इसी अवधि में यह 2,312.68 करोड़ रुपये थी। इस बारे में कंपनी के प्रबंध निदेशक सौमित्र भट्टाचार्य ने कहा कि वाहन उद्योग लंबी गिरावट के दौर से गुजर रहा है। अगर जीएसटी दर में कटौती और सरकार की ओर से समर्थन मिलता है तो हम तेजी से वृद्धि कर पाएंगे। भाषा
बीएचईएल को दूसरी तिमाही में 552 करोड़ रुपये का घाटा
सरकारी कंपनी बीएचईएल को कम राजस्व के कारण सितंबर तिमाही में 552.38 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनी को साल भर पहले की समान तिमाही में 120.95 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी बताया कि इस दौरान उसकी कुल आय साल भर पहले के 6,359.68 करोड़ रुपये से कम होकर 3,793.13 करोड़ रुपये पर आ गई। कंपनी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए लागू पाबंदियों का अभी भी उसके परिचालन पर असर पड़ रहा है। कंपनी ने कहा कि परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी आई है, लेकिन उबरने की दर धीमी है। अत: इस वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के प्रदर्शन की तुलना साल भर पहले से नहीं की जा सकती है। भाषा
