रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली औषधियों जैसे कि मल्टीविटामिन्स की कीमतों में समानता लाने के लिए नैशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने 79 औषधियों की अधिकतम कीमतें तय कर दी हैं।
संस्था ने यह कदम उसके हाल ही में कीमतों पर नजर रखने के लिए बनाए गए विभाग की राय के बाद उठाया है। छोटे स्तर की कंपनियां जो एनपीपीए की ओर से कीमत निर्धारण के नियमों से बाहर हैं, उनके साथ सभी कंपनियों पर अधिकतम कीमतों की यह रोक लागू होगी।
कई मल्टीविटामिन कैप्सूल और सिरप, आंखों में डालने वाली दवाइयां और जेंटामाइसिन सरीखी एंटीब्योटिक 1 अक्टूबर को जारी कीमतों पर रोक की अधिसूचना के तहत आती हैं। एनपीपीए के कीमतों पर नजर रखने वाले विभाग को बाजारों में उपलब्ध कीमतों के आंकड़े की समय-समय पर निगरानी करने का काम सौंपा गया है।
इसी दिन जारी अन्य अधिसूचनाओं में एनपीपीए ने अन्य 33 दवाओं के लिए अधिकतम कीमतें 1 से 18 प्रतिशत तक बढ़ा दी हैं। अब वॉकहार्ड, फाइजर, एवेतिंस उन कंपनियों की फेहरिस्त में शामिल हैं, जिन्हें उनके उत्पादों जैसे इन्सुलिन के लिए अधिक कीमतें मिलेंगी।
11 दवाओं के मामले में संस्था ने 1 से 10 प्रतिशत कीमतों में कटौती की घोषणा की है। एली लिली के चार उत्पादों और श्रेया लाइफ साइंस के तीन इन्सुलिन की कीमतें मामूली-सी घट जाएंगी।