वैश्विक सलाहकार फर्म डेलॉयट ने दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक कंपनी बैजूस से कहा है कि उसके वास्तविक और अनुमानित राजस्व में 40 से 45 फीसदी का अंतर है। बैजूस का मूल्यांकन 22 अरब डॉलर है और डेलॉयट उसकी ऑडिटर भी है।
मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि डेलॉयट ने बेंगलूरु की इस कंपनी से कहा है कि वित्त वर्ष 2021 के लिए उसका राजस्व महज 55 करेाड़ डॉलर है, जबकि कंपनी ने 1 अरब डॉलर के राजस्व का अनुमान जाहिर किया था। उन्होंने कहा, ‘यह दिक्कत है। ऑडिटर ने यह भी इशारा किया है कि कंपनी के कुछ नियंत्रण कमजोर हैं।’
बैजूस के संस्थापक और मुख्य कर्याधिकारी बैजू रवींद्रन ने शेयरधारकों और बोर्ड सदस्यों को कंपनी के अनुमानित राजस्व एवं अंकेक्षित आंकड़ों में अंतर के बारे में बताया है। इस बातचीत में ब्लैकरॉक, सिकोया कैपिटल, टी राऊ प्राइस और ग्रीन अटलांटिक जैसे निवेशक शामिल थे।
एक व्यक्ति ने कहा, ‘बैजू रवींद्रन ने निवेशकों के साथ बातचीत की है और वे जाहिर तौर पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे।’ बैजूस ने वित्त वर्ष 2021 के लिए अपने वित्तीय नतीजों की घोषणा करने में देर की थी।
खुलासे में 18 महीने की देर के कारण बैजूस को सख्त जांच का सामना करना पड़ा। कंपनी मामलों के मंत्रालय ने भी इस संबंध में बैजूस से जवाब मांगा था। उसने पूछा था कि उसने मार्च 2021 में समाप्त वर्ष के लिए अंकेक्षित वित्तीय विवरण जमा क्यों नहीं कराया था। पिछले महीने मंत्रालय ने बैजूस की मूल कंपनी को एक पत्र लिखकर इस संबंध में जवाब मांगा था। कंपनी ने अपने जवाब में कहा था कि लेखा वर्ष के दौरान बैजूस ने कई कंपनियों का अधिग्रहण किया और इसी वजह से वित्तीय खुलासा करने में देर हुई। बैजूस ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि गैर-सूचीबद्ध कंपनी को वित्त वर्ष पूरा होने के सात महीनों के भीतर वार्षिक वितीय विवरण का खुलासा करना होता है। इसमें देर होने पर कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है तथा जुर्माना लगाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार कंपनी अगले कुछ दिनों में अपनी वार्षिक आम बैठक आयोजित कर सकती है, जिसमें शेयरधारकों के समक्ष वित्त वर्ष 2021 के अंकेक्षित नतीजे प्रस्तुत किए जाएंगे। पिछले साल बैजूस ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 2,434 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था।
