‘म्युचुअल फंड सही है’ के बाद अब ‘शेयर बाजार सही है’ जैसे किसी नारे की बारी हो सकती है। सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) खुदरा निवेशकों के लिए बड़ा जागरूकता अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं ताकि बड़ी तादाद में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। यह देश का सबसे बड़ा आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) होगा, जो इस साल के आखिर तक आने के आसार हैं। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, ‘यह अभियान म्युचुअल फंडों के अत्यधिक सफल अभियान की तर्ज पर हो सकता है।’
इस जागरूकता अभियान की योजना खास तौर पर मझोले और छोटे शहरों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इसे शेयर बाजारों में निवेश के बारे में पॉलिसीधारकों को जागरूक बनाने के लिए एलआईसी एजेंटों के नेटवर्क के जरिये चलाया जाएगा। एलआईसी के पास करीब 22.78 लाख एजेंटों (31 मार्च 202) का नेटवर्क है, जिसका इस अभियान में इस्तेमाल किया जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा कि यह अभियान केवल एलआईसी आईपीओ में निवेश नहीं बल्कि शेयर बाजार में निवेश के बारे में जागरूकता और फायदों पर केंद्रित होगा क्योंकि इस बीमा कंपनी ने अभी ऑफर दस्तावेज दाखिल नहीं किए हैं।
सरकार ने एलआईसी पॉलिसीधारकों को इस बीमा कंपनी में हिस्सेदारी बनने का मौका देने के लिए आईपीओ के निर्गम का 10 फीसदी अपने पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित किया है। सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि इस पेशकश में पॉलिसीधारकों का कोटा पूरी तरह सबस्क्राइब हो जाए।
हालांकि हाल के वर्षों में शेयर बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी शानदार रही है। लेकिन सरकार एलआईसी के मझोले और छोटे शहरों के पॉलिसीधारकों की भागीदारी बढ़ाना चाहती है। ऐसे शहरों के पॉलिसीधारक शेयर बाजार में निवेश को जोखिम मानते हैं।
प्राइमइन्फोबेस डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों में ख्रुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी अप्रैल-जून मेंं 7.18 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई, जो जनवरी से मार्च तक की अवधि में 6.96 फीसदी थी।
एलआईसी द्वारा चलाए जाने वाले जागरूकता अभियान के तहत छोटे शहरों और कस्बों के पॉलिसीधारकों को डीमैट खाते खोलने में मदद दी जाएगी ताकि वे शेयरों में निवेश शुरू कर सकें। डीमैट खाते आईडीबीआई बैंक के जरिये खोले जाएंगे, जिसमें एलआईसी की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है। पॉलिसीधारकों के पास अपनी पसंद के किसी अन्य बैंक में बी ऐसे खाते खोलने का विकल्प होगाा। एलआईसी के आईपीओ का आकार सबसे बड़ा होने के आसार हैं। ऐसे में सरकार और इस बीमा कंपनी के अभियान चलाने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि पेशकश में खुदरा हिस्से और पॉलिसीधारकों के कोटे को पूरा अभिदान मिलेे।
यह मुहिम आईपीओ मार्केटिंग से अलग है। आईपीओ मार्केटिंग कॉन्सेप्ट कम्यूनिकेशन लिमिटेड करेगी, जिसे एलआईसी आईपीओ के लिए विज्ञापन एजेंसी के रूप में छांटा गया है। आईपीओ के लिए विज्ञापन अभियान भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास पेशकश दस्तावेज जमा करने के बाद शुरू किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, ‘इस समय कोई भी अभियान एलआईसी के आईपीओ के अभिदान पर केंद्रित नहीं हो सकता है क्योंकि इस बीमा कंपनी ने अभी अपने ऑफर दस्तावेज दाखिल नहीं किए हैं। ऐसे में इस अभियान की योजना शेयर बाजारों में खुदरा निवेशकों और पॉलिसीधारकों की भागीदारी बढ़ाने के लिए बनाई गई है।’
