भारतीय विमानन कंपनियों के मुख्य कार्याधिकारियों ने कर घटाने, बुनियादी ढांचे में सुधार की मांग दोहराई है और यह भी कहा है कि र्ईंधन की बढ़ती कीमतों से उन्हें उबरने में सक्षम बनाने के लिए और अंतरराष्ट्रीय यात्रा का केंद्र बनाने के
लिए बेहतर प्रक्रियाओं की दरकार है।
शुक्रवार को हैदराबाद में आयोजित विंग्स इंडिया में इंडिगो के सीईओ रोनोजय दत्ता ने कहा, किसी विमानन कंपनी का 21 फीसदी राजस्व कर के रूप में सीधे-सीधे सरकार के पास चला जाता है। इस मामले पर तत्काल नजर डालने की दरकार है।
एयरएशिया इंडिया के सीईओ सुनील भास्करन ने कहा, भारतीय विमानन कंपनियां दुनिया भर में सबसे ज्यादा कुशल हैं लेकिन वह भारी करों को बोझ से दबी है।
कोविड के मामले घटने के साथ देसी हवाई परिवहन सुधार की राह पर है। अंतरराष्ट्रीय उड़ान भी 27 मार्च से शुरू हो रही है और विमानन कंपनियां विदेशी मार्गों पर उड़ानों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है। लेकिन एटीएफ की बढ़ती कीमतें विमानन कंपनियों पर बोझ बढ़ा रही है।
स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने कहा, अगर हमें विमानन केंद्र बनना है तो हमें अपनी मूलभूत अधिकार चाहिए होंगी। उन्होंंने कहा, भारत से और यात्रियों के जुडऩे की खातिर प्रोत्साहित करने के लिए हवाईअड्डों पर प्रक्रियाएं और सक्षम बनाए जाने की दरकार है। उन्होंने कहा, हमें अपना केंद्र चाहिए। भारत को यात्री व कार्गो कारोबार में अपनी हिस्सेदारी लेने का यह सही समय है।
