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August Auto Sales: वाहनों का स्टॉक बढ़ रहा और बढ़ रही ​चिंता

डीलरों का कहना है कि 60 दिनों का स्टॉक स्तर है चिंताजनक, देश में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री अगस्त में थोक बिक्री से रही कम

Published by
सोहिनी दास   
Last Updated- September 05, 2023 | 10:05 PM IST

August Auto Sales: अगस्त में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री वृद्धि थोक बिक्री से पिछड़ गई है। जहां खुदरा बिक्री में पिछले साल की तुलना में 6.5 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है, वहीं इस महीने के दौरान थोक बिक्री में 9.7 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। डीलर स्टॉक के बढ़ते स्तर (जिसमें त्योहारों के लिए स्टॉक बढ़ाना भी शामिल है) से चिंतित हैं। अब उनके पास इतने वाहन इकट्ठे हो गए हैं कि उन्हें बेचने में ही 60 दिन लग जाएंगे।

अगस्त में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 3,60,897 के सर्वकालिक शीर्ष मासिक स्तर पर थी, जिसने सितंबर 2022 के 3,55,400 वाहनों के पिछले शीर्ष स्तर को पीछे छोड़ दिया है। यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री भी 3,15,153 के सर्वकालिक शीर्ष मासिक स्तर पर है। हालांकि डीलर स्टॉक के बढ़ते स्तर को लेकर चिंतित हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बात करते हुए फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि स्टॉक का स्तर पिछले महीने के 53 दिनों की तुलना में बढ़कर इस महीने 60 दिनों का हो गया है। यह फरवरी 2019 में स्टॉक के सर्वकालिक सर्वाधिक दिनों के करीब है, जब स्टॉक का स्तर 60 दिनों तक पहुंच गया था।

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सिंघानिया ने कहा कि वाहनों के मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को चाहिए कि वे डीलरों को शुरुआती स्तर वाले मॉडल भेजना बंद कर दें। उन्होंने कहा ‘डीलरों को वे उपयुक्त मॉडल दिए जाने चाहिए, जिनके लिए ग्राहकों की मांग हो। ओईएम को उपभोक्ता मांग के आधार पर मॉडलों का बिल बनाने की जरूरत है, न कि थोक बिक्री के आंकड़े पाने के लिए शुरुआती स्तर की कारों को डंप करने की।’

अलबत्ता उन्होंने स्वीकार किया कि बेहतर वाहन आपूर्ति (अधिक उत्पादन की वजह से) और ग्राहक योजनाएं बाजार के लिए सकारात्मक रही हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रगति के बावजूद, आपूर्ति श्रृंखला की बाधाएं बनी रहती हैं, विशेष रूप से समय पर डिलिवरी के संबंध में। उन्होंने कहा कि मध्य आकार की एसयूवी जैसी लोकप्रिय श्रेणियों में सीमित उत्पाद श्रृंखला संपूर्ण क्षमता को सीमित कर रही है।

सिंघानिया ने कहा कि यह चिंताजनक बात है कि स्टॉक का स्तर पहली बार 60 दिनों की आपूर्ति से अधिक हो गया है। यहां तक कि नवरात्रि-दिवाली उत्सव की शुरुआत से पहले ही। यह एक ऐसी प्रवृत्ति, जिसके लिए यात्री वाहनों की ओईएम को सतर्क निगरानी रखने की जरूरत है।

डीलरों का कहना है कि बाजार के लिए 21 दिन का स्टॉक स्तर आदर्श रहता है। सिंघानिया ने कहा कि हमें इस बात पक्का नहीं पता है कि त्यौहारी सीजन के बाद स्टॉक का स्तर कितना रहेगा। अगर यह अधिक रहता है, तो फाइनैंसर, डीलर और ओईएम के बीच यह एक मसला रहेगा।

सकारात्मक संकेत यह है कि यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में पिछले महीने की तुलना में सुधार हुआ है। जुलाई के 2,84,064 वाहनों की तुलना में यह बढ़कर अगस्त में 3,15,153 वहान हो गई है। इसमें तकरीबन 11 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

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चिंता का एक विषय पर्याप्त बारिश की कमी भी है, जिससे महंगाई में इजाफा हो सकता है और उपभोक्ता की क्रय शक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है तथा मांग कम को नुकसान पहुंच सकता है। ट्रैक्टर की खुदरा बिक्री में यह बात नजर आती है। पिछले साल की तुलना में इसमें 13.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, लेकिन पिछले महीने की तुलना में इसमें 18.64 प्रतिशत की कमी आई है।

हालांकि दोपहिया वाहनों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इसमें 6.3 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और पिछले महीने के मुकाबले इसमें 2.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
सिंघानिया का कहना है कि दोपहिया वाहनों की मांग मुख्य रूप से मोटरसाइकिल की बिक्री से प्रेरित है और इस बिक्री में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी ग्रामीण क्षेत्रों की रहती है। इस तरह त्योहारी सीजन के दौरान ग्रामीण धारणा मांग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है।

First Published : September 5, 2023 | 10:05 PM IST