दवा क्षेत्र की दिग्गज जापानी कंपनी एस्तेलास फार्मा भारतीय दवा बाजार में कदम रखने की योजना बना रही है।
कंपनी भारत में एक सहयोगी कंपनी स्थापित करेगी। इससे पहले दाइची सांक्यो और आईसाई जैसी जापान की नामी और दिग्गज फार्मा कंपनियां भी भारत में अपने कारोबार शुरू कर रही हैं।
एक तरफ जहां दाइची सांक्यो ने देश की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी रैनबैक्सी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदकर इस बाजार में पूरी तैयारी के साथ कदम रखा है। वहीं आईसाई और एस्तेलास अपनी इकाइयों के जरिए भारत में कदम रखेंगी। इन इकाइयों के जरिए ही ये कंपनियां देश में अपनी पेटेंट दवाएं बेचेंगी।
निक्केई स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में एस्तेलास ने बताया कि कंपनी मुंबई में एस्तेलास फार्मा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक मार्केटिंग इकाई खोलेगी। इसके जरिए कंपनी देश में यूरोलॉजी और इम्यूनोलॉजी से संबंधित दवाओं की बिक्री करेगी।
एस्तेलास ने बताया, ‘कंपनी पूरे एशिया में अपना कारोबार बढ़ाना चाहती है। भारतीय बाजार में कदम रखना भी कंपनी की इसी योजना का ही हिस्सा है।’ साल 2005 में आए नए पेंटेट कानून से कंपनी को काफी उम्मीद है। इस कानून में कंपनियां दवाओं पर अपना अधिकार कायम रख पाती हैं।
भारत में सबसे पहले आने वाली जापानी फार्मा कंपनी आईसाई ने आंध्र प्रदेश में निर्माण संयंत्र और शोध केंद्र स्थापित कर रही है।
फिर समुराई
दाइची सांक्यो और आईसाई के बाद जापान से आ रही है एस्तेलास
बेचेगी अपनी पेटेंट वाली दवाएं