देश की दूसरी सबसे बड़ी वाणिज्यिक वाहन निर्माता अशोक लीलैंड का सितंबर तिमाही का प्रदर्शन बाजार अनुमानों के अनुरूप रहा। कमजोर आधार पर, कंपनी का राजस्व एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 57 प्रतिशत तक बढ़ा और इसे बिक्री सुधार (हलके वाणिज्यिक वाहनों, या एलसीवी, और निर्यात) तथा कीमत वृद्घि से मदद मिली। कच्चे माल की ऊंची कीमतों के बावजूद परिचालन लाभ कम परिचालन खर्च की वजह से अनुमानों के मुकाबले बेहतर रहा।
हालांकि कारोबार में शेयर पर दबाव दिखा और बाजार भगीदारी नुकसान, कमजोर उत्पाद मिश्रण, और मुनाफावसूली की वजह से इसमें 3.4 प्रतिशत की कमजोरी आई। शेयर सितंबर के शुरू से 20 प्रतिशत चढ़ चुका है और इस साल अब तक इसमें 55 प्रतिशत की तेजी आई है।
बाजार के लिए अल्पावधि चिंता बाजार भागीदारी तिमाही आधार पर 460 आधार अंक और सालाना आधार पर 710 आधार अंक तक घटकर मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहन (एमऐंडएचसीवी) सेगमेंट में 22.4 प्रतिशत रही। भागीदारी में गिरावट दक्षिण भारत में मंदी, कमजोर बस बिक्री, और सीएनजी से चलने वाले मॉडलों के अभाव की वजह से आई थी। हालांकि दक्षिण भारत में कंपनी के इस सेगमेंट में पहले अच्छी बाजार उपस्थिति रही है।
कंपनी इंटरमीडिएट कमर्शियल व्हीकल पोर्टफोलियो में सीएनजी वैरिएंट पेश करने की योजना बना रही है। इससे पोर्टफोलियो अंतर दूर करे में मदद मिलेगी, क्योंकि सीएनजी वैरिएंट का इंटेलीजेंट कनेक्टेड व्हीकल उद्योग में 40 प्रतिशत का योगदान है। बस सेगमेंट में सुधार और इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की वजह से भारी ट्रकों के लिए बढ़ती मांग से कंपनी को कुछ भागीदारी हासिल करने में मदद मिल सकती है।
भले ही उसने एमऐंडएचसीवी में बाजार भागीदारी गंवाई है, लेकिन एलसीवी सेगमेंट में उसकी भागीदारी 2-3.5 टन श्रेणी में 23.3 प्रतिशत की रिकॉर्ड ऊंचाई पर है। एलसीवी सेगमेंट में मजबूत बिक्री ई-कॉमर्स और कृषि क्षेत्रों के लिए अच्छी कनेक्टिविटी की जरूरत की वजह से है। जहां ब्रोकरों का मानना है कि कंपनी को एमऐंडएचसीवी मांग में सुधार का लाभ मिलेगा, वहीं उन्होंने बाजार भागीदारी नुकसान और कम बिक्री की आशंका को देखते हुए आय अनुमानों में कटौती की है।
