अशोक लीलैंड और निसान के संयुक्त उपक्रम ने तमिलनाडु सरकार के साथ चेन्नई के पिल्लैपक्कम में नया संयंत्र लगाने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर लिए हैं।
दोनों कंपनियों ने हल्के वाणिज्यिक वाहन बनाने के लिए यह साझा उपक्रम बनाया है। इस समझौते के तहत सरकार उपक्रम को लगभग 380 एकड़ भूमि उपलब्ध कराएगी। इस संयंत्र का इस्तेमाल वाहनों को बनाने के लिए और संयुक्त उपक्रम की तीन कंपनियों के लिए तकनीक विकास इकाई भी लगाई जाएगी। कंपनियों ने यह उपक्रम मई 2008 में ही बनाया था।
अशोक लीलैंड ने तमिलनाडु सरकार के साथ हुए समझौते के तहत कंपनी के विस्तार की योजना की भी घोषणा की। कंपनी ने एन्नोर, होसुर में और निवेश और चेन्नई के पास एक नया संयंत्र लगाने की घोषणा भी की। इस निवेश को इंजन, गियर बॉक्स, प्रेस शॉप्स, चेसिस और बाकी पुर्जो के निर्माण कार्य में लगाया जाएगा।
कंपनी हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) और एमडीवी परियोजनाओं के लिए 40 अरब रुपये से भी ज्यादा का निवेश करेगी। अगर दोनों परियोजनाओं को साथ मिला लिया जाए तो इनसे 4,000 नई नौकरियां उपलब्ध होंगी। कंपनी ने बताया कि इन परियोजनाओं का काम पहले ही शुरू हो चुका है और संयुक्त उपक्रम साल 2010-2011 तक वाहनों का निर्माण भी शुरू कर देगा।
कंपनी के एलसीवी संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 1,00,000 इकाई हैं। इस उत्पादन का लगभग 20 फीसदी हिस्सा निर्यात किया जाएगा। दोनों साझेदारों ने इस संयुक्त उपक्रम के तहत लगने वाले संयंत्र के लिए शीर्ष प्रबंधन का ढांचा भी पेश किया।
तीनों कंपनियों ने प्रबंधन में जिम्मदारियों को सभी की मजबूती के आधार पर बांटा है। इसमें निर्माण, उत्पाद का विकास और गुणवत्ता जैसे पहलू शामिल हैं। इस परिचालन को 21 साल के लिए वैट में छूट मिलेगी। कंपनी इस उपक्रम में यह निवेश अगले 7-8 साल में करेगी।