वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी अशोक लीलैंड ने कहा है कि उसने वित्त वर्ष 2020-21 में पूंजीगत खर्च के लिए लगभग 750 करोड़ रुपये रखा है। कंपनी ने कहा है कि इसमें से सितंबर तक करीब 270 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। प्रबंधन ने कहा है कि पूंजीगत खर्च के मोर्चे पर कंपनी काफी चुस्त और सतर्क है।
इस बीच कंपनी के गैर-घरेलू एमऐंडएचसीवी कारोबार यानी चक्रीय कारोबार का योगदान पिछले वर्ष की तुलना में दूसरी तिमाही में काफी बढ़ गया। यह पहला अवसर है जब कंपनी के कुल राजस्व में इस कारोबार का योगदान 50 फीसदी से अधिक रहा।
अशोक लीलैंड के पूर्णकालिक निदेशक एवं सीएफओ गोपाल महादेवन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान कंपनी ने एलसीवी की नई शृंखला विकसित करने के लिए मॉड््यूलर प्लेटफॉर्म पर खर्च किया। कंपनी उत्पादों का दायरा बढ़ाने, क्षमता में विस्तार और अन्य बाधाओं को दूर करने के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। महादेवन ने कहा, ‘हम पूंजीगत खर्च के मार्चे पर काफी चुस्त और सतर्क रहेंगे।’ कंपनी के प्रदर्शन के बारे में बताते हुए महादेवन ने कहा, ‘इस साल की तुलना हम पिछले साल से नहीं कर सकते क्योंकि पहली तिमाही बिल्कुल ध्वस्त रही। हालांकि, मासिक आधार पर हम सुधार दर्ज कर रहे हैं।’ अशोक लीलैंड ने सितंबर तिमाही के दौरान 147 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 39 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था। पिछली तिमाही के दौरान कंपनी का परिचालन राजस्व 28 फीसदी घटकर 2,837 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में कंपनी का राजस्व 3,930 करोड़ रुपये रहा था। दूसरी तिमाही में 2.8 फीसदी एबिटा के कारण चुनौतीपूर्ण समय में कंपनी को राजस्व बढ़ाने और परिचालन दक्षता हासिल करने में मदद मिली। एलसीवी, आफ्टरमार्केट, रक्षा एवं बिजली समाधान सहित सभी चक्रीय कारोबार ने तिमाही के दौरान वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया। कंपनी अपनी परिचालन लागत एवं कच्चे माल की लागत को युक्तिसंगत बनाने पर ध्यान केंद्रित करती रहेगी।
