ऑटोमोटिव बैटरी बनाने वाली देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी अमर राजा ग्रुप अब इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र, अक्षय ऊर्जा बाजार, ऊर्जा भंडारण प्रणालियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार है। कंपनी अपने बुनियादी ढांचा एवं बिजली कारोबार को इस वित्त वर्ष के अंत तक एकीकृत करने जा रही है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी अपने एकीकृत कारोबार को 2025 तक बढ़ाकर 3,000 करोड़ रुपये करने की उम्मीद कर रही है। फिलहाल उसके बिजली एवं बुनियादी ढांचा इकाई का कुल कारोबार 1,200 करोड़ रुपये है।
करीब 1.3 अरब डॉलर के कारोबार वाला यह समूह लीथियम आयन बैटरी पर करीब 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। जबकि वह अपने पारंपरिक लेड एसिड बैटरी कारोबार पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अपने बैटरी पैक को बाजार में उतारने के अलावा कंपनी ऊर्जा भंडारण जैसे अन्य तमाम ऐप्लिकेशन के लिए भी बैटरी पैक की पेशकश करती है।
अमर राजा बैटरीज के कार्यकारी निदेशक एवं अमर राजा पावर सिस्टम्स के प्रबंध निदेशक विक्रमादित्य गौरीनेनी ने कहा, ‘पहले चरण में हम 2025-26 तक 6,000 से 7,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। आंध्र प्रदेश के तिरुपति में हमारा अनुसंधान एवं विकास केंद्र है।’
कंपनी ने कहा कि उसने तकनीकी लिहाज से एक उन्न्त विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स टीम पहले ही तैयार कर ली है। यह टीम स्वैपिंग और चार्जिंग बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करेगी और भविष्य के कारोबार की वृद्धि को रफ्तार देगी। गौरीनेनी ने कहा कि कंपनी आयात के जरिये भारत में कुछ इलेक्ट्रिक तिपहिया विनिर्माताओं को बैटरी की आपूर्ति पहले से ही कर रही है।
समूह ने कहा कि अमर राजा पावर सिस्टम्स और अमर राजा इन्फ्रास्ट्रक्चर का विलय की प्रक्रिया जारी है जो इस वित्त वर्ष के अंत तक पूरी होने की उम्मीद है। पिछले साल समूह के पुनर्गठन के दौरान इसकी घोषणा की गई थी। गौरीनेनी ने कहा, ‘इसके लिए हमें शेयरधारकों एवं बैंकरों से मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। हम इस साल के अंत तक एनसीएलटी से मंजूरी मिलने की भी उम्मीद करत हैं।’
