अलस्टॉम इंडिया ने आईआरसीटीसी और मेघा इंजीनियरिंग के साथ बातचीत की है, जो रेल मंत्रालय की तरफ से निजी ट्रेन परिचालन के लिए मंगाई गई बोली के लिए दो बोलीदाता हैं। अलस्टॉम इंडिया के प्रबंध निदेशक एलेन स्पोर के मुताबिक, एक और कंपनी के साथ बातचीत हुई है, जिसने हालांकि बोली नहीं लगाई है।
स्पोर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, अगर मौका मिलता है तो हमने निजी ट्रेन परिचालन को संभावित निवेशक के तौर पर समर्थन देने का फैसला लिया है। हम विशेष ट्रेन का प्रस्ताव रख रहे हैं, जो हाई-स्पीड ट्रेन तकनीक पर आधारित है और उसका इस्तेमाल फ्रांस में होता है।
स्पोर ने कहा कि प्रस्तावित ट्रेन टीजीवी पर आधारित है, जो हाई-स्पीड ट्रेन होती है, जिसका परिचालन पूरे फ्रांस में होता है। टीजीवी का सामान्य अनुवाद इंगलैंड में हाई स्पीड ट्रेन किया जाता है। एक निश्चित प्रकार का टीजीवी मसलन वी 150 का किसी राष्ट्रीय रेल सिस्टम में उच्च गति के मामले में वल्र्ड रिकॉर्ड है। किसी वाणिज्यिक ट्रेन का स्टील व्हील पर स्पीड के मामले में मौजूदा विश्व रिकॉर्ड फ्रांस के टीजीवी का है, जो 574.8 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह रिकॉर्ड अप्रैल 2017 से बना हुआ है।
स्पोर ने कहा, हमने भारत में उच्च गति को लेकर स्थानीय समाधान विकसित किया है। हमने भारतीय रेल से बातचीत शुरू की है कि क्या उनकी दिलचस्पी लंबी दूरी की ट्रेनों में इसे जोडऩे में है यानी क्या इसमें उच्च गति वाली ट्रेनें चलाना वह पसंद करेगा। उन्होंने कहा, रेलवे ने कहा कि वह ट्रेन के बारे मेंं कुछ सूचना चाहेगा और हम उनके साथ बातचीत करने जा रहे हैं।
यह पूछने पर कि क्या किसी निजी कंपनी से इन ट्रेनों पर कोई बातचीत हुई है, स्पोर ने कहा कि पहले दौर की बोली में तीन पक्षकारों ने रुचि दिखाई थी। हमने मेघा इंजीनियरिंग, आईआरसीटीसी और एक और कंपनी को पेशकश की है, जिसने इसमें बोली नहीं लगाई है।
एक सवाल के जवाब में कि वह किस तरह का समर्थन करेेंगे तो उन्होंने कहा कि हम सिर्फ रोलिंग स्टॉक की पेशकश करेंगे।
भारतीय परिचालन से राजस्व के परिदृश्य पर उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य अगले साल तक एक अरब यूरो का राजस्व हासिल करने का है, जबकि इस वित्त वर्ष में 65-70 करोड़ यूरो का राजस्व लक्ष्य हासिल हो जाएगा। स्पोर ने यह भी कहा कि अलस्टॉम इंडिया अगले महीने सात अहम परियोजनाओं के लिए बोली लगाएगी, जो एक अरब यूरो से ज्यादा का है। एक बयान में अलस्टॉम इंडिया ने कहा कि उसके पास मार्च 2021 तक 4.1 अरब यूरो के ऑर्डर का बैकलॉग था।
अलस्टॉम ने अन्स्र्ट ऐंड यंग की साझेदारी में इंडिया इंपेक्ट रिपोर्ट भी जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अलस्टॉम इंडिया 33.1 करोड़ रुपये की वस्तुएं व सेवाएं खरीदती है, जिसका 75 फीसदी भारतीय सप्लायर के साथ तैयार हुआ है। कंपनी ने पिछले पांच साल मे 14.2 करोड़ यूरो निवेश किया है।