लिंक्डइन के डेटा में बड़े पैमाने पर सेंधमारी किए जाने का मामला सामने आया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे कथित तौर पर उसके 70 करोड़ उपयोगकर्ता प्रभावित हुए हैं लेकिन कंपनी ने इससे इनकार किया है। कंपनी का कहना है कि किसी भी उपयोगकर्ता के निजी डेटा का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
ऑनलाइन गोपनीयता एवं सुरक्षा संबंधी खबरों पर केंद्रित ऑनलाइन पोर्टल रीस्टोरप्राइवेसी ने यह खबर दी है। इस वेबसाइट के अनुसार, एक लोकप्रिय हैकर फोरम के एक उपयोगकर्ता ने 22 जून को 70 करोड़ लिंक्डइन उपयोगकर्ताओं के डेटा को बिक्री के लिए विज्ञापित किया था।
उस फोरम के उपयोगकर्ता ने डेटा का एक नमूना भी पोस्ट किया था जिसमें 10 लाख लिंक्डइन उपयोगकर्ताओं के डेटा थे। इसमें उपयोगकर्ताओं के ईमेल, पूरा नाम, फोन नंबर, घर का पता, जियोलोकेशन रिकॉर्ड, लिंक्डउन पर यूजरनेम एवं प्रोफाइल यूआरएल आदि जानकारियां शामिल थीं।
लिंक्डइन ने मंगलवार को अपनी वेबसाइट पर एक पोस्ट में कहा, ‘हमारी टीम ने उस कथित लिंक्डइन डेटा सेट की जांच की है जिसे बिक्री के लिए पोस्ट किया गया है। हम इसे स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह डेटा का उल्लंघन नहीं है और न ही किसी लिंक्डइन सदस्य का निजी डेटा उजागर हुआ है। हमारी शुरुआती जांच में पाया गया है कि वह डेटा लिंक्डइन एवं अन्य तमाम वेबसाइट से स्क्रैप किए गए डेटा हैं। इसमें ऐसे डेटा भी शामिल हैं जिनके बारे में इसी साल अप्रैल में हमने स्क्रैप किए जाने की जानकारी दी थी।’
स्क्रैपिंग किसी वेबसाइट से मूल्यवान सूचनाओं को निकालने के लिए एक ऐप्लिकेशन का उपयोग करने की प्रक्रिया है। अप्रैल में लिंक्डइन पर कॉन्टेक्ट स्क्रैपिंग की गई थी और इसके तहत कंपनी ने ऑनलाइन कर्मचारी डायरेक्टरी जैसे लोकेशन को जिम्मेदारीपूर्वक स्क्रैप किया था। ऐसा करने से स्क्रैपर रोबो कॉल्स अथवा मालेसियस सोशल इंजीनियरिंग प्रयासों के लिए बल्क मेलिंग लिस्ट के लिए संपर्क विवरण एकत्रित करने में समर्थ होता है। यह स्पैमर और स्कैमर दोनों के लिए नए लक्ष्यों को तलाशने एक प्राथमिक तरीका है। लिंक्डइन के उपयोगकर्ताओं की संख्या 2019 में भारत में 7.1 करोड़ थी जो उसका दूसरा सर्वाधिक उपयोगकर्ता आधार है।
