प्रमुख विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने अपने बड़े में वाइड-बॉडी एयरबस ए340 मालवाहक विमान को शामिल किया है। इससे विमानन कंपनी को एशिया, यूरोप और राष्ट्रमंडल देशों के बीच नॉनस्टॉप कार्गो विमान सेवा शुरू करने में मदद मिलेगी। स्पाइसजेट कार्गो विमान सेवा के मोर्चे पर सबसे अधिक आक्रामक दिख रही है (यह ए340 कंपनी के कार्गो बेड़े में शामिल होने वाला नौवां विमान है) लेकिन एयर इंडिया, इंडिगो और विस्तारा जैसी अन्य विमानन कंपनियां भी मालवाहक श्रेणी में कारोबार बढ़ा रही हैं।
घरेलू बाजार में हवाई यात्रियों की कमजोर मांग और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर सीमित क्षमता के मद्देनजर विमानन कंपनियों का रुझान कार्गो सेवा की ओर बढऩे लगा है। इसके अलावा ईंधन कीमतों में नरमी के करण भी भारतीय विमानन कंपनियां कार्गो परिचालन के लिए अपने विमानों को प्रभावी तरीके से तैनात करने के लिए प्रेरित हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय क्षमता में कमी आने से माल भाड़े में भी तेजी आई है जो फिलहाल कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले करीब दोगुना हो चुका है।
स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने कहा, ‘हमारे बेड़े में पहले वाइड-बॉडी मालवाहक विमान के शामिल होने से हमारे कारोबारी सफर में नाटकीय बदलाव दिख सकता है क्योंकि इससे स्पाइसजेट देश के सबसे बड़े कार्गो ऑपरेटर के तौर उभरेगी। हमारी लॉन्ग-हॉल कार्गो उड़ान भारतीय कारोबारियों को अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद करेगी। साथ ही यह किसानों और दवा कंपनियों को नए बाजारों तक पहुंचने के लिए अपनी निर्बाध सेवाएं भी उपलब्ध कराएगी।’ स्पाइसजेट देश की एकमात्र ऐसी विमानन कंपनी है जिसके पास यात्री और मालवाहक दोनों प्रकार के विमान उपलब्ध हैं। ए340 विमान करीब 35 टन कार्गो की ढुलाई में समर्थ है।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि विमानन कंपनी ने अधिक मांग वाले क्षेत्रों में विशेष कार्गो उड़ान सेवा शुरू की है। उन्होंने कहा कि हवाई यात्रियों की संख्या में गिरावट और मालवाहक सेवा के लिए अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध होने के मद्देनजर कंपनी ने यह पहल की है। एयर इंडिया ने इस महीने के आरंभ में दिल्ली से सोल के लिए 63 टन कार्गो के साथ तीन उड़ान शुरू की थी। विमानन कंपनी बेंगलूरु और चेन्नई से सिंगापुर के लिए केवल कार्गो उड़ानों का परिचालन करती है।
भारत से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन जून तिमाही में 57 फीसदी घट गया लेकिन अब दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों पर इसमें तेजी दिखने लगी है। समझा जाता है कि जुलाई में कार्गो सेवा का परिचालन कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले 65 से 70 फीसदी तक सुचारु हो चुका था। मालवाहक विमानों, चार्टर विमानों और विशेष अंतरराष्ट्रीय सेवा पर लगाए गए विमानों की आवाजाही बढऩे से अंतरराष्ट्रीय परिचालन में सुधार दिख रहा है। पहले केवल औषधि एवं जल्दी खराब हो जाने वाली वस्तुओं का निर्यात हो रहा था लेकिन अब रेडीमेड परिधान, चमड़े और कपड़े के निर्यात में भी सुधार दिखने लगा है।
विस्तारा ने हाल में अपने बेड़े में दूसरे बोइंग 787-9 विमान को शामिल किया है। विमानन कंपनी की नजर यूरोप में कार्गो क्षेत्र में मौजूद संभावनाओं को भुनाने पर है। इसके लिए वह कई नए मार्ग पर अपना परिचालन शुरू करने की भी योजना बना रही है। यात्री 787-9 विमान के जरिये भारत से लंदन मार्ग पर 8 से 10 टन माल की ढुलाई हो सकती है। विमानन कंपनी ने कहा है कि विस्तारा देश भर में 34 कार्गो उड़ानों का संचालन करती है और लॉकडाउन के दौरान उसने 220 टन कार्गो की ढुलाई की।
इंडिगो पिछले दो महीने के दौरान 200 से अधिक विशेष कार्गो उड़ानों का संचालन किया। हवाई यात्रियों की संख्या घटने, ईंधन में नरमी और माल भाड़े में तेजी के कारण विमानन कंपनियां कार्गो परिचालन के लिए प्रेरित हुई हैं लेकिन बाजार के जानकारों का कहना है कि यात्राी विमानन सेवाओं के सुचारु होने पर मालवाहक उड़ानों की मांग में नरमी दिख सकती है।
