लेनदारों को 12,900 करोड़ रुपये के कर्ज का पुनर्भुगतान को अंतिम रूप देने के लिए एयर इंडिया की बोर्ड बैठक सोमवार को हो रही है। विमानन कंपनी ने ये कर्ज गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र के तौर पर जुटाए थे और टाटा समूह को एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया के तहत विमानन कंपनी इन कर्जों का भुगतान करेगी।
बैंंकिंग सूत्रों ने कहा कि विमानन कंपनी इस एनसीडी पर 9.05 फीसदी से 10.05 फीसदी तक का उच्च ब्याज चुका रही है। योजना के मुताबिक, अगले महीने टाटा की तरफ से अधिग्रहण पूरा करने से पहले एनसीडी का पुनर्भुगतान भारत सरकार एआईएएचएल के जरिए कर सकती है।
मार्च 2020 में एयर इंडिया के ऊपर 62,361 करोड़ रुपये का कर्ज था। इसमेंं से एयर इंडिया 46,261 करोड़ रुपये का कर्ज सरकारी स्वामित्व वाली इकाई एआईएएचएल को करेगी। टाटा समूह एयर इंडिया का अधिग्रहण 18,000 करोड़ रुपये के एंटरप्राइज वैल्युएशन पर करने के लिए सहमत हुआ है। इसमें से टाटा समूह एयर इंडिया के 15,300 करोड़ रुपये के कर्ज का अधिग्रहण करेगा जबकि बाकी 2,700 करोड़ रुपये भारत सरकार को चुकाएगा।
बैंकरोंं ने कहा, टाटा संस (जिसकी क्रेडिट रेटिंग सबसे ज्यादा है) एयर इंडिया के बाकी कर्ज 15,300 करोड़ रुपये के लिए कम दर पर रीफाइनैंस करने में सक्षम है। बैंंकिंग सूत्र ने कहा, कम वित्तीय लागत से टाटा समूह को एयरलाइंस को तेजी से पटरी पर लाने में मदद मिलेगी। समूह ने भूषण स्टील के मामले में ऐसी ही रणनीति अपनाई थी। इस बारे मेंं जानकारी के लिए एयर इंडिया को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। साथ ही टाटा के प्रवक्ता ने टिप्पणी करने से मना कर दिया।
26 अक्टूबर को शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक में शेयरधारकों ने एयर इंडिया की चार सहायकों एयर इंडिया एयरपोर्ट सर्विसेज, अलायंस एयर एविएशन, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज और होटल कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का हस्तांतरण एयर इंडिया ऐसेट्स होल्डिंग्स (एआईएएचएल) को बुक वैल्यू पर करने की मंजूरी दी थी। निवेश के साथ-साथ प्राप्तियों के हस्तांतरण की प्रभावी तारीख एयर इंडिया व एआईएएचएल आपसी सहमति से तय करेंगे।
एयर इंडिया अपनी सहायकों के डीमर्जर व कर्ज के हस्तांतरण पर मंजूरी के लिए एनसीएलटी में आवेदन करेगी।
