कनाडा की अदालत ने इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) की तरफ से एयर इंडिया और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के लिए संग्रहित रकम जब्त करने का आदेश दिया है। देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के शेयरधारकों की याचिकाओं पर 24 नवंबर और 21 दिसंबर को अलग-अलग आदेश पारित किए गए, जिसने भारत सरकार के खिलाफ आर्बिट्रेशन आदेश लागू कराने के लिए कई याचिकाएं दाखिल की थी।
देवास के प्रवक्ता के मुताबिक, आईएटीए के तहत 3 करोड़ डॉलर से ज्यादा अब तक जब्त किए जा चुके हैं। टाटा समूह की तरफ से पिछले साल कामयाब बोलीदाता के तौर पर एयर इंडिया के अधिग्रहण से कई हफ्ते पहले ऐसा हुआ। सरकार के साथ हुए शेयरधारक करार के तहत समूह को पिछले कानूनी दावों से छूट दी गई है।
सरकार के खिलाफ 11.1 करोड़ डॉलर का आर्बिट्रेशन अवार्ड जीतने वाले देवास के तीन शेयरधारकों ने इसे लागू कराने के लिए क्यूबेक की उच्च अदालत का रुख किया था और उनके आवेदनों पर ये आदेश जारी किए गए। इस आदेश के तहत ऋणी की परिसंपत्ति जब्त करने या भुगतान को रोके रखने की इजाजत मिली है, जो किसी थर्ड पार्टी के पास है।
शेयरधारकों के वकील गिब्सन, डन ऐंड क्रचर के पार्टनर मैथ्यू डी मैकगिल ने कहा, हम भारत सरकार के खिलाफ दुनिया भर की अदालतों में जाएंगे ताकि देवास का बकाया मिलना सुनिश्चित हो। कनाडा में हमारे कदम से देवास के शेयरधारकों के लाखों डॉलर मिलने की संभावना है और यह वैश्विक स्तर पर भुगतान हासिल करने के मामले में पहला नतीजा है।
मैकगिल ने कहा, देवास के शेयरधारक शुरू से ही स्पष्ट थे : भारत के अनुचित कदम की राज्य स्तरीय जांच व उसमें हस्तक्षेप के बावजूद हम आर्बिट्रेशन अवॉर्ड के मुताबिक भारत सरकार की परिसंपत्तियां हासिल करने की कोशिश जारी रखेंगे, वहीं हम आपसी सहमति से निपटान के लिए, भी तैयार हैं।
नागरिक विमानन मंत्रालय से इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, एयर इंडिया के वकील के हस्तक्षेप के बाद क्यूबेक सुपीरियर कोर्ट की वाणिज्यिक पीठ ने इस संबंध में आदेश रद्द करने की मांग वाले आवेदन पर तत्काल सुनवाई के लिए एक जज नियुक्ति करने की मांग स्वीकार कर ली है। इस पर 4 जनवरी को सुनवाई होगी जबकि इस दिन सामान्य तौर पर अदालत में छुट्टी होती है।
आईएटीए विमानन कंपनियों व एयर नेविगेशन सेवा प्रदाताओं को टिकट बिक्री व रूट नेविगेशन शुल्क आदि संग्रह करने में मदद करता है। इसका बिलिंग व सेटलमेंट प्लान मैकेनिज्म ट्रैवल एजेंटों के लिए दुनिया भर में पेमेंट गेटवे के तौर पर काम करता है। विमानन कंपनियों को टिकट बिक्री की रकम के प्रेषण का काम इसी मैकेनिज्म के तहत होता है। इसी तरह वह भारत जाने वाली विदेशी विमानन कंपनियों से नेविशेगन शुल्क वसूलता है। साथ ही वह वहां से उडऩे वाले विमानों के लिए भी वसूली करता है और उसे एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंप देता है।
वित्त वर्ष 19-20 में एएआई ने एयरपोर्ट नेविगेशन सेवा से 3,592 करोड़ रुपये हासिल किए, जो उसके राजस्व का करीब 28 फीसदी बैठता है। इस आदेश पर टिप्पणी करते हुए 22 दिसंबर को एयर इंडिया ने वैश्विक वितरण सिस्टम से टिकटों की सारी इन्वेंट्री हटा दी थी। ट्रैवल एजेंट टिकट जारी करने के लिए वैश्विक वितरण सिस्टम मसलन एमेडुअस या टैवलपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं। ये प्लेटफॉर्म आईएटीए बीएसपी से जुड़े हैं, जहां इस व्यवस्था से हुई सभी बिक्री का रिकॉर्ड होता है।
एयर इंडिया की आधी से ज्यादा बिक्री जीडीएस प्लेटफॉर्म से होती है और उसके टिकटों की अचानक अनुलपबब्धता से ट्रैवल एजेंटोंं के लिए परेशानी खड़ी हो गई है।