पर्यावरण चिंताओं को ध्यान में रख कर आगरा में पारंपरिक प्रौद्योगिकी के जेनरेटरों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से इस शहर में जेनरेटर निर्माता अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए विभिन प्रौद्योगिकी विकल्पों की संभावना तलाश रहे हैं।
कुछ निर्माताओं ने नए उत्सर्जन मानकों के अनुरूप महंगी एवं विशेष प्रौद्योगिकी के रास्ते पर चल पड़े हैं। वहीं कुछ अन्य निर्माताओं ने प्राकृतिक गैस और बायोमास जैसे वैकल्पिक ईंधनों की ओर रुख किया है।
एक स्थानीय जेनरेटर निर्माता प्रकाश डीजल्स प्राइवेट लिमिटेड ने एक ऐसा इंजन बनाने में सफलता हासिल कर ली है जो संश्लेषित गैस के दहन में सक्षम है।
इस इंजन ने विदेशी खरीदारों का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। प्रकाश डीजल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजेश गर्ग ने कहा कि कैलिफोर्निया में बायो-मेडिकल कचरा निपटान संयंत्रों के लिए एक केप्टिव पावर जेनरेशन सिस्टम की स्थापना के लिए इलिनॉयस स्थित पीईएटी इंटरनेशनल, नॉर्थब्रूक ने कंपनी के साथ अनुबंध किया था।
यदि प्रयोगात्मक इंजन की जरूरत की पुष्टि हो जाती है तो कंपनी अमेरिका और शेष दुनिया में पीईएटी इंटरनेशनल द्वारा चलाई जाने वाली विभिन्न कचरा निपटान साइटों पर कस्टमाइज्ड विद्युत जेनरेटरों के निर्माण के लिए बड़े उत्पादन ठेके हासिल कर सकती है।
गर्ग ने कहा कि पीईएटी इंटरनेशनल फिलहाल बायोलॉजिकलचिकित्सा के साथ-साथ औद्योगिक कचरों की व्यापक रेंज के संशोधन के लिए पूरी दुनिया में प्लाज्मा थर्मल डेस्ट्रक्शन रिकवरी संयंत्रों की स्थापना कर रही है।
प्रकाश डीजल्स इंजनों का निर्माण पहले से ही कर रही है और बायोमास आधारित जेनरेटरों को सफलतापूर्वक भारत, श्रीलंका, स्विटजरलैंड, ताईवान, आस्ट्रेलिया और अमेरिका में बेच रही है।
उन्होंने कहा कि पीईएटी इंटरनेशनल ने कंपनी के शोध में दिलचस्पी दिखाई है। पीईएटी ने कंपनी से एक ऐसे इंजन के विकास की दिशा में ध्यान केंद्रित करने को कहा है जो सिनगैस से व्यवहार्य बिजली पैदा करने में सक्षम हो।
गर्ग ने कहा कि उपयोगी बिजली के निर्माण में सिनगैस के इस्तेमाल में अब तक बेहद मामूली प्रगति हुई है। प्राकृतिक गैस की तुलना में सिनगैस बेहद कम ओजोन और नाइट्रेट गैस उत्सर्जन के साथ एक स्वच्छ ईंधन है। प्रति यूनिट सिनगैस का कैलोरी मान प्राकृतिक गैस (39 एमजे एनएम3) की तुलना में काफी कम (8 से 10 एमजेएनएम3) है।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने सिनगैस-आधारित जेनरेटरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की है जिसे फरवरी, 2009 में गुजरात के सूरत में अमेरिकी पर्यावरण विशेषज्ञों की देखरेख में परीक्षण के दौर से गुजारा जाएगा।
पीईएटी इंटरनेशनल ने सूरत में एक प्रयोगात्मक जैव चिकित्सा अपशिष्ट निपटान संयंत्र की स्थापना की है जो व्यापक पैमाने पर सिनगैस का उत्पादन कर रहा है।
पहला सह-निर्माण संयंत्र कैलिफोर्निया में स्थापित किया गया था जिसे अमेरिका में बेहद कड़े उत्सर्जन मानकों के लिहाज से उपयुक्त माना जाता है।
गर्ग ने दावा किया कि सिनगैस जेनरेटरों का निर्माण 15 केडब्ल्यूएच से लेकर ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक किया जा सकेगा और इन्हें केप्टिव पावर सेटअप के तौर पर चलाने के लिए ढाला जा सकेगा। यदि यह परीक्षण सफल रहा तो यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में आगरा के जेनरेटर निर्माताओं के लिए एक अहम उपलब्धि होगी।