देश की प्रख्यात प्रॉक्सी एडवायजरी कंपनियां पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस में निजी इक्विटी दिग्गज कार्लाइल गु्रप के नेतृत्व में 4,000 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश सौदे पर अलग अलग विचार प्रकट कर रही हैं। यह निवेश तरजीही आवंटन विकल्प के जरिये किया जाना है।
स्टेकहोल्डर्स इम्पावरमेंट सर्विसेज (एसईएस) यह सुझाव दे रही है कि पीएनबी हाउसिंग के शेयरधारक इस पेशकश पर खिलाफ वोट दें। एसईएस का कहना है कि यह सौदा शेयरधारकों, प्रवर्तक पंजाब नैशनल बैंक और सरकार के हित के खिलाफ है। इस बीच, इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एडवायजरी सर्विसेज (आईआईएएस) ने कहा है, ‘सौदे के पुनर्गठन में कुछ भी गलत नहीं है।’
इस कदम से निवेशक वोट विभाजित हो सकते हैं। ई-वोटिंग 18 जून से 21 जून के बीच फिर से खुलेगी, जबकि सौदे को अंतिम रूप देने के लिए असाधारण सामान्य बैठक (ईजीएम) 22 जून को होनी है। पीएनबी हाउसिंग के बोर्ड ने पिछले सप्ताह 3,200 करोड़ रुपये के शेयर और 800 करोड़ रुपये के वारंट कार्लाइल, आदित्य पुरी को पारिवारिक निवेश इकाई सैलिसबरी इन्वेस्टमेंट्स, जनरल अटलांटिक और अल्फा इन्वेस्टमेंट्स को 390 रुपये प्रति शेयर के हिसाब सेे तरजीही आधार पर आवंटित किए जाने को मंजूरी दी थी। पुरी कार्लाइल गु्रप में सलाहकार हैं और इससे पहले वह एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक थे।
मंगलवार को पीएनबी हाउसिंग का शेयर 2.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 858 रुपये पर बंद हुआ। सौदे की घोषणा के बाद से इस शेयर में 95 प्रतिशत तक की तेजी आ चुकी है।
एसईएस ने एक रिपोर्ट में कहा है, ‘एसईएस ने इस सौदे को कंपनी के आम शेयरधारकों और पीएनबी के शेयरधारकों के लिए प्रतिकूल सौदा करार दिया है। कंपनी की नियंत्रक शेयरधारक के तौर पर पीएनबी ने वैल्यू में बदलाव लाने में योगदान दिया है। मौजूदा समय में, पीएनबी हाउसिंग सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के तौर पर शामिल है।’
इस बीच आईआईएस के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक अमित टंडन का मानना है कि कीमत निर्धारण को लेकर बहस को शेयर कीमत में आई भारी तेजी से बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा, ‘पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस की शेयर कीमत तेजी से बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप, लोग यह कह रहे हैं कि निर्गम कीमत आनुपातिक रूप से काफी कम है। हालांकि शेयर कीमत में तेजी की मुख्य वजह यह है कि आदित्य पुरी इसमें निवेश कर रहे हैं।’
