अदाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड और गुजरात ऊर्जा विकास निगम ने अदालत के बाहर मामले का निपटान कर लिया है और इसके तहत वह मुआवजा त्यागने के लिए सहमत हो गई है, जो उसे गुजरात ऊर्जा विकास निगम से लेना था और वह उसके साथ वह बिजली खरीद करार कभी भी रद्द नहीं करेगी। दोनों ही कंपनियां साल 2010 से कानूनी लड़ाई लड़ रही थी।
हालांकि अदालत के आदेश मेंं मुआवजे की रकम का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान है कि यह करोड़ों का हो सकता है क्योंकि एक दशक से ज्यादा वक्त से यह मामला अदालत में चल रहा था। गुजरात ऊर्जा विकास निगम ने सितंबर 2021 में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी और कहा था कि वह साल 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की समीक्षा करे, जो अदाणी के हक में आया था। 4 दिसंबर के हालिया आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने पाया कि दोनोंं पक्षकार आपस में निपटान पर सहमत हो गए हैं। निपटान के मुताबिक, अदाणी पावर मुंद्रा लिमिटेड अब गुजरात ऊर्जा विकास निगम पर मुआवजे का दावा नहींं करेगी। इसके साथ ही वह बिजली खरीद करार भी रद्द नहीं करेगी।
आदेश में कहा गया है, दोनोंं पक्षकारों के बीच हुए विवाद निपटान के तहत अदाणी पावर मुंद्रा 2 फरवरी 20078 के बिजली खरीद करार को रद्द नहींं करने पर सहमत हो गई है, जो 2 जुलाई 2019 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आधारित है और इसे अदाणी मुंद्रा लागू करेगी और बिजली खरीद करार रद्द नहीं करेगी। अदाणी इस पर भी सहमत हुई है कि वह 2 जुलाई 2019 के आदेश के तहत मुआवजे का दावा नहीं करेगी।
अदाणी पावर ने साल 2007 में गुजरात ऊर्जा विकास निगम के साथ बिजली खरीद करार पर हस्ताक्षर किए थे, जो कोरबा छत्तीसगढ़ की बिजली परियोजना से 2.35 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीद को लेकर था, साथ ही यह नैनी कोल ब्लॉक से कोयला आपूर्ति्र पर आधारित था। यह ब्लॉक गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को आवंटित किया गया था।
अदाणी ने एएनआईएल का किया गठन
उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुआई वाले अदाणी समूह ने अदााणी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (एएनआईएल) के नाम से नई अनुषंगी कंपनी बनाई है। यह इकाई हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं, कम कार्बन उत्सर्जन के बिजली उत्पादन के साथ विंड टर्बाइन, सौर मॉड्यूल तथा बैटरियों के विनिर्माण के क्षेत्र में काम करेगी। नई अनुषंगी का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी बनने के साथ सबसे कम लागत में हाइड्रोजन का उत्पादन करने का है। अदाणी ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि उनका समूह अगले दशक में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 70 अरब डॉलर का निवेश करेगा। भाषा