अदाणी गैस ने तीन भौगोलिक क्षेत्रों लुधियाना, जालंधर और कच्छ (पूर्वी) के जय मधोक एनर्जी के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से अधिग्रहण के लिए समझौता किया है।
इन तीन भौगोलिक क्षेत्रों में 10 साल के दौरान 6.5 एमएमएससीएमडी (मिलियन मीट्रिक स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रतिदिन) से ज्यादा की मांग की क्षमता है। ये भौगोलिक क्षेत्र एनएएआई की भारतमाला परियोजना के पहले चरण के तहत आते हैं, जहां भविष्य में और विकास मात्रात्मक बढ़ोतरी की संभावना है।
लुधियाना और जालंधर पंजाब के जुड़वां शहर हैं और बड़े औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र हैं। यहां सीएनजी और पीएनजी की बहुत ज्यादा खपत की क्षमता है। दोनों शहर पाइपलाइन कनेक्टिविटी के नजदीक हैं। गुजरात में कच्छ (पूर्व) राज्य में औद्योगिक विकास के केंद्र में आ रहा है। एजीएल की गुजरात में मजबूत उपस्थिति है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कच्छ पाइपलाइन से जुड़़ा हुआ है और आरएलएनजी टर्मिनल इन्फ्रास्ट्रक्चर कच्छ को सीजीडी नेटवर्क के विकास के लिए आकर्षक केंद्र बना रहा हैै।
आसपास में पाइलपाइन कनेक्टिविटी की मौजूदगी की वजह से ये तीनों भौगोलिक क्षेत्र एजीएल को जल्द मुद्रीकरण का लाभ दे सकते हैं। इन तीन भौगोलिक क्षेत्रों के साथ अब एजीएल की मौजूदगी 22 भौगोलिक क्षेत्रों में हो गई है।
यह सौदा आवश्यक नियामकीय व अन्य संबंधित मंजूरियों पर निर्भर है। अदाणी गैस के मुख्य कार्याधिकारी सुरेश पी मंगलानी ने कहा, ‘इन तीन भौगौलिक क्षेत्रों से पीएनजी और सीएनजी की ज्यादा मात्रा की पेशकश के साथ बेहतरीन बुनियादी ढांचा विकास का मौका मिलेगा। अदाणी गैस के भौगोलिक क्षेत्रों की संख्या अब बढ़कर 22 हो गई है। इस अधिग्रहण से एजीएल स्वच्छ ईंधन पीएनजी की आपूर्ति कर सकेगी और बड़ी संख्या में प्रतीक्षारत लोगों के घरों, उद्योगों व वाणिज्यिक उपभोक्ताओं, गुरुद्वारा, होटलों, रेस्टोरेंटों तक इसे पहुंचाया जा सकेगा। एजीएल की इस पहल से केंद्र व राज्य सरकारों के पीएनजी और सीएनजी सबको पहुंचाने के मकसद में मदद मिलेगी।’
