कंसल्टिंग और तकनीक आउटसोर्सिंग सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी एक्सेंचर ने बेंगलुरु और चेन्नई में अपनी विस्तार योजना पर ब्रेक लगा दिया है।
सूत्रों के मुताबिक कंपनी अपने कंसल्टिंग और सेवाओं के विभाग में नियुक्ति से जुड़ी हुई योजनाओं की रफ्तार को धीमा कर रही है और साथ ही साथ अपनी विस्तार योजनाओं को टाल रही है।
मौजूदा आर्थिक संकट के कारण कंपनी भी खर्च को कम करने के दौर से गुजर रही है। एक्सेंचर ने भारत में लगभग 40,000 कर्मचारियों को रोजगार मुहैया कराया हुआ है। इस मामले के जानकार एक रियल एस्टेट के सूत्र के मुताबिक कंपनी ने आईटी कॉरिडोर के लिए चुने गए ओल्ड महाबलीपुरम रोड (ओएमआर)पर अपने चेन्नई परिचालन कार्यों के लिए 2,00,000 वर्गफुट की और जगह को शामिल करने की अपनी योजना को टाल दिया है।
उनका कहना है, ‘यह सच है कि इससे लगभग सिर्फ 400 लोग और कंपनी के चेन्नई परिचालन कार्यों में जुड़ जाते, लेकिन यह अहम बात है कि पिछले सााल अक्टूबर से अब तक ओएमआर पर किरायों में कम गिरावट हुई है, बावजूद इसके एक्सेंचर इस समय अपने परिचालन मुनाफे को बढ़ाने को लेकर भी बराबर चिंतित है।’
एक्सेंचर के प्रवक्ता ने इस मामले से जुड़े सवालों पर कोई भी टिप्पणी नहीं की। सूत्रों के मुताबिक इस जगह को कंपनी के चेन्नई परिचालन कार्यों के विस्तार के लिए चुना गया था, लेकिन अधिक खर्च और इस जगह से जिन उत्तरी अमेरिकी क्षेत्र में प्रमुख ग्राहकों को सेवा मुहैया कराई जानी थी, उनके साथ होने वाले करारों की संख्या में कमी का पूर्वानुमान लगाते हुए लीज करार के पहले की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई।
जैसे कि 31 दिसंबर, 2008 को समाप्त हुई तिमाही के मुताबिक कंपनी के भारत में बैंकिंग, फाइनैंशियल सर्विसेज ऐंड इंश्योरेंस (बीएफएसआई) और विनिर्माण क्षेत्रों के मौजूदा करारों पर मुनाफे के लिहाज बना हुआ है भारी दबाव। उद्योग जगत में यह भी चर्चा है कि एक्सेंचर ने अपने प्रीमियर कंसल्टेंसी विभाग के लिए 100 से 120 लोगों को नियुक्त करने की अपनी योजना को रद्द कर दिया है।
बहुराष्ट्रीय कंपनियों जैसे आईबीएम, एक्सेंचर, हनीवेल और ओरेक्ल के लिए नियुक्तियों को संभालने वाली एक कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी का कहना है, ‘हम एक्सेंचर की कंसल्टेंसी शाखा के लिए नियुक्तियां जनवरी से शुरू करने वाले थे। अब मार्च हो गया है और हमें कंपनी की ओर से इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।’
