वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के बंगाल सर्किल ने इस वित्त वर्ष में लघु एवं मझोले उद्योगों (एसएमई) के लिए 2600 करोड़ रुपये के वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है जो पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी अधिक है।
बंगाल सर्किल में एसबीआई ने एसएमई क्षेत्र को 31 अक्टूबर, 2008 तक 8270 करोड़ रुपये अग्रिम के तौर पर दिए जो पिछले साल की समान अवधि में 7200 करोड़ रुपये थे।
एसबीआई के मुख्य महा प्रबंधक (बंगाल सर्किल) जयंत के. सिन्हा के मुताबिक बैंक इस साल 1000 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर चुका है और उसे उम्मीद है कि वह मार्च 2009 तक बाकी 1600 करोड़ रुपये का भुगतान कर देगा।
सिन्हा ने कहा, ‘हम लघु एवं मझोले उद्यमों के लिए ऋण पर ध्यान देना जारी रखेंगे, क्योंकि यह हमारी प्राथमिकता है और यहां इस क्षेत्र के लिए ऋण में कमी नहीं आई है।’
उन्होंने कहा कि एसबीआई माल स्तर का समर्थन करने के लिए तैयार है और जरूरत पड़ने पर वह कार्यशील पूंजी में इजाफा करने के लिए भी तैयार है।
सिन्हा के मुताबिक इस वित्तीय संकट के दौर में विभिन्न क्षेत्रों की मदद के लिए अपने पैकेज के तहत रीफाइनैंस विंडो विकल्प के साथ आगे आ सकती है।
बंगाल में इस क्षेत्र के लिए ऋण में सालाना 30 फीसदी का इजाफा हो रहा है और बैंक ने इस वित्त वर्ष में लगभग 36 फीसदी दर का लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है।
लघु एवं मझोले उद्योगों के लिए अग्रिम ऋण अक्टूबर 2008 तक 193,000 करोड़ रुपये रहा जो मार्च, 2008 में 1,82,000 करोड़ रुपये से अधिक है। सितंबर 2007 से अक्टूबर 2008 तक इस ऋण में लगभग 47 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सिन्हा के मुताबिक टेक्स्टाइल एवं गारमेंट निर्माण, केमिकल्स, ऑटो एवं सहायक इकाइयां, पूंजीगत वस्तुओं की शृंखला और आभूषण जैसे क्षेत्र बंगाल में एसएमई सेगमेंट में सबसे बड़े ग्राहक हैं।