डाबर इंडिया के प्रवर्तक बर्मन परिवार ने देश की सबसे बड़ी ड्राई सेल बैटरी निर्माता एवरेडी इंडस्ट्रीज इंडिया के कारोबार का प्रबंधन करने के लिए विलियमसन मेगर समूह के खेतान के साथ हाथ मिलाया है। घटनाक्रम के जानकार सूत्रों ने कहा, ‘सौदे की शर्तों पर काम हो रहा है लेकिन बर्मन इसमें सह-प्रवर्तक के तौर पर शामिल होंगे और निदेशक मंडल में भी उनका प्रतिनिधित्व होगा।’
करीब हफ्ते भर पहले बर्मन द्वारा कंपनी में अंतिम किस्त के तौर पर 8.48 फीसदी हिस्सेदारी खरीदे जाने के बाद एवरेडी में प्रवर्तक की हिस्सेदारी बर्मन से कम हो गई है। मौजूदा समय में बर्मन परिवार के पास एवरेडी की 19.84 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि प्रवर्तकों के पास 15.07 फीसदी हिस्सा है। सूत्रों ने कहा कि मौजूदा शेयरधारिता प्रारूप के मुताबिक बर्मन परिवार कंपनी का बहुलांश साझेदार हो सकता है। इस साझेदारी के साथ एवरेडी के प्रवर्तकों को उम्मीद है कि दीर्घावधि में कंपनी के हितों की रक्षा हो सकेगी। इससे पहले एवरेडी एनर्जाइजर और ड्यूरासेल के साथ औने-पौने दाम पर बैटरी कारोबार को बेचने के लिए बात कर रही थी।
हालांकि इसमें कानूनी पेच भी है। सौदे को अंतिम रूप देने का मामला दिल्ली उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश की वजह से लंबित है। अदालत ने एवरेडी, मैकलॉयड रसेल इंडिया और विलियमसन मेगर समूह की अन्य कंपनियों के पूंजी ढांचे में बदलाव तथा संपत्तियों की बिक्री पर रोक लगाई हुई है। केकेआर इंडिया ने विलियमसन मेगर समूह की कंपनियों को मूल रूप से 200 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था और अपने निवेश पर राहत के लिए वह पिछले साल अदालत पहुंच गई थी। अगर इस मामले में खेतान के पक्ष में फैसला आता है तो साझेदारी का रास्ता साफ हो जाएगा।
मोहित बर्मन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम जिस कारोबार का मूल्यांकन कम देखते हैं और उसका कारोबार हमारे एफएमसीजी कारोबार की तरह ही है तो हम उसमें हमारा पोर्टफोलियो निवेश होता है।’ मोहित डाबर इंडिया के वाइस चेयरमैन हैं।
बर्मन ने कहा, ‘हम शेयर खरीद रहे हैं क्योंकि हमारा मानना है कि इस कारोबार में काफी संभावना है और शेयर का भाव अभी कम है। हालांकि फिलहाल प्रवर्तक बनाने की कोई योजना नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘हम खेतान को जानते हैं और वे कारोबार का प्रबंधन करने में लगे हैं। दुर्भाग्य की बात है कि उनकी समस्या एवरेडी से थोड़ी बड़ी थी। लेकिन जहां तक हमारी बात है तो हमारी दिलचस्पी केवल इसी कारोबार में है।’ हालांकि एवरेडी एकमात्र ऐसी कंपनी है जहां बर्मन की हिस्सेदारी ज्यादा है लेकिन प्रबंधन पर उनका नियंत्रण नहीं है।
बर्मन मूल रूप से कोलकाता के हैं। 1880 के दशक में एसके बर्मन ने स्वास्थ्य सेवा उत्पादों का कारोबार शुरू किया और डाबर इंडिया की स्थापना की थी। हालांकि 1972 में डाबर का परिचालन दिल्ली से होने लगा, जब दिल्ली से सटे इलाके में कंपनी ने अपना नया विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया था।
पिछले एक हफ्ते में बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर एवरेडी का शेयर 88.90 रुपये से बढ़कर 115.45 रुपये पर पहुंच गया है। सूत्रों ने संकेत दिए कि बर्मन के समर्थन से कंपनी को पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी क्योंकि प्रवर्तक के ज्यादातर शेयर गिरवी हैं। एवरेडी पर करीब 350 करोड़ रुपये का कर्ज है, वहीं इसके शेयरों को समूह की अन्य कंपनियों के लिए पैसे जुटाने के लिए जमानत के तौर पर इस्तेमाल किए गए हैं।
