उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सत्र के लिए राज्य की ओर से समर्थित मूल्य को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।
यही वजह है कि समर्थन मूल्य पर विचार के लिए राज्य के गन्ना विकास और चीनी उद्योग मंत्री नसीरुद्दीन सिद्दीकी ने बुधवार को चीनी मिल मालिकों की बैठक बुलाई है।
कीमत को लेकर विवाद के चलते गन्ने की पेराई में हो रही देरी से गन्ना किसान खासे परेशान हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य में आमतौर पर अक्टूबर के मध्य से पेराई शुरू जाती है, लेकिन नवंबर आने के बावजूद अब तक प्रदेश में गन्न्ना की पेराई शुरू नहीं हो पाई है।
सूत्रों का कहना है कि गन्ना पेराई शुरू नहीं होने से किसान फसल नहीं काट रहे हैं, जिससे गेहूं की बुआई में भी देरी हो रही है। राज्य सरकार ने गन्ने की कीमत 140 रुपये प्रति क्विंटल तय की थी, लेकिन चीनी मिल मालिकों का कहना है कि उनकी वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वे किसानों को गन्ने की इतनी कीमत दे सकें।
पिछले साल राज्य की ओर से गन्ने की कीमत 125 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई थी, जबकि कोर्ट ने 110 रुपये प्रति क्विंटल दर तय की।
राज्य समर्थन मूल्य को लेकर हो रहा है विवाद
सरकार ने बुधवार को चीनी मिल मालिकों की बैठक बुलाई है