सरकार द्वारा टोल टैक्स की दर दोगुने से भी ज्यादा बढ़ाए जाने से नाराज ट्रांसपोर्टर बुधवार को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर रहने वाले हैं।
मुंबई-दिल्ली नेशनल हाइवे के चौडीक़रण का काम पूरा हुए बिना ही टोल टैक्स की वसूली शुरू किये जाने से परेशान ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि सांकेतिक हड़ताल के बाद भी उनकी बात को सरकार ने यदि नजरअंदाज किया तो एक बार पूरे देश में फिर से चक्का जाम करने के लिए वे मजबूर हो जाएंगे।
केंद्र सरकार ने 5 फरवरी को एक ज्ञापन निकाल कर इन बढ़ी हुई दरों के बारे में जानकरी दी और 19 फरवरी से टोल टैक्स की नई दरों को लागू कर दिया गया। ट्रांसपोर्टर्स टोल टैक्स की बढ़ी दरों का विरोध कर रहे हैं। बाम्बे गुड्स ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बल मलकित सिंह कहते हैं कि नेशनल हाइवे-8 यानी मुंबई दिल्ली हाइवे के चौडीक़रण का काम पूरा नहीं हुआ है।
देश के प्रमुख इस हाइवे पर यातायात सही करने के लिए इसे चार और छह लेन का करना है लेकिन काम की गति धीमी होने की वजह से अभी तक इसका काम पूरा नहीं हो सका है। जब सुविधाओं में विस्तार ही नहीं हुआ है तो टोल टैक्स किस आधार पर सरकार बढ़ा रही है।
मलकित कहते हैं कि एक ओर सरकार लिखित में ट्रांसपोर्टरों को भरोसा देती है कि मंदी के इस दौर में उनके ऊपर कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लागू करेंगी और दूसरी ओर टोल टैक्स में इजाफा कर रही है। इसके पहले भी जब जब ट्रांसपोर्टर्स अपनी बात सरकार से करते रहे हैं सरकार ने हमेंशा उनकी बातों को अनसुना किया है जिससे मजबूर होकर हमको हड़ताल पर जाना पड़ता है।
मलकित कहते है कि मुंबई-दिल्ली हाइवे पर वाशी (महाराष्ट्र)टोल नाका पर बुधवार को जो सांकेतिक हड़ताल की जा रही है वह सिर्फ सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए है। सांकेतिक हड़ताल में ट्रकों को सड़कों के किनारे दिन भर के लिए खड़ा कर दिया जाएगा और दिन खत्म होने के बाद फिर से ट्रकों का पहिए चल पड़ेगे।
