सीमित आपूर्ति के बीच मांग बढ़ने का यह असर है कि महज महीने भर में टमाटर की कीमतें दोगुनी हो गयी हैं। बाजार का हाल यह है कि अभी सेब टमाटर से सस्ता हो गया है।
कारोबारियों के मुताबिक, फिलहाल बाजार में एक किलो टमाटर 28 से 35 रुपये प्रति किलो के रेंज में मिल रहा है। प्याज में भी महज महीने भर में 15 फीसदी का उछाल आ चुका है। थोक कारोबारियों ने बताया कि सितंबर में हुई भारी बारिश से महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की फसल को तगड़ा नुकसान पहुंचा।
अभी त्योहारों का सीजन होने से टमाटर की मांग भी काफी बढ़ चुकी है। टमाटर कैचअप निर्माताओं की ओर से कैचअप बनाने के लिए इस समय टमाटर की मांग काफी बढ़ चुकी है। कारोबारियों के मुताबिक इसके चलते टमाटर की मांग और आपूर्ति का संतुलन अब गड़बड़ हो गया है। इसके चलते हाल ये हुआ है कि पिछले दो महीनों में टमाटर की कीमतों में रेकॉर्ड वृद्धि हो गयी है।
सब्जियों की थोक मंडी का ये हाल है कि सोलन-शिमला किस्म के 25 किलोग्राम वाले बक्से की कीमत 700 से 850 रुपये के बीच में चल रही है। टमाटर विके्रताओं ने बताया कि महीने भर पहले इस किस्म के एक किलो टमाटर की कीमत केवल 12 से 15 रुपये थी। इसी तरह महाराष्ट्र किस्म के टमाटर का भाव भी दोगुना हो गया है।
महीने भर पहले इस किस्म के 25 किलोग्राम के डिब्बे का भाव महज 300 से 400 रुपये था पर अब यह 700 से 875 रुपये में मिल रहा है। एक अन्य कारोबारी का कहना है कि टमाटर की कीमतों में आग लगने से सबसे ज्यादा नुकसान खुदरा कारोबारियों को हुआ है।
एक माह पहले जो टमाटर खुले में 25 रुपये में मिल रहा था वह अब 50 रुपये में मिल रहा है। कारोबारी हैरान है कि इस सीजन में टमाटर की कीमतें जहां लुढ़क जाया करती थीं पर इस बार उल्टा इसमें दोगुना उछाल आ गया है। केवल टमाटर ही नहीं प्याज का भी हाल बुरा है।
त्योहारी मौसम में जोरदार खरीद होने से प्याज की कीमतों में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो गयी है। नासिक से आने वाले प्याज की कीमतें 250 से 300 रुपये प्रति मन (एक मन=40 किलोग्राम) से बढ़कर 300 से 350 रुपये तक चली गई है।