मलेशिया की पॉमऑयल में बुधवार को तीन फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट चीन के सोयाऑयल बाजार में नरमी के रुख के कारण हुई।
सोयाऑयल बाजार में इस बात की चर्चा काफी गरम रही कि बढ़ती कीमत पर काबू के लिए चीन खाद्य तेलों के स्टॉक को जारी कर सकता है।
इसका असर शिकागो सोयाबीन व्यापार पर भी देखने को मिला। वहां का बाजार भी इस कारण नरम रहा और एशिया में व्यापार के दौरान वहां भी गिरावट दर्ज की गई।
बाजार के एक व्यापारी के मुताबिक दिनभर चीन द्वारा अपने स्टॉक जारी करने की चर्चा गरम रही।
चीन के पास काफी मात्रा में तेल है। इससे साफ जाहिर है कि आने वाले महीनों में पॉमआयल के निर्यात में गिरावट आएगी। इस कारण मलेशिया के बाजार में 3.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
व्यापारियों के मुताबिक भारत व चीन के बाजार में तेल की मांग कम निकलने के कारण इसकी कीमत में बढ़ोतरी की संभावना नजर नहीं आ रही है ।
गौरतलब है कि दोनों ही देश खाद्य तेलों के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। एक अन्य कारोबारी ने बताया कि चीन इन दिनों खाद्य तेलों की अधिक खरीदारी नहीं कर रहा है और ऐसा मालूम होता है कि भारत की भी यही योजना है।
खरीदार इस इंतजार में है कि मूल्य में गिरावट होने पर वे बाजार में प्रवेश ले। पॉमऑयल के बाजार में 4 मार्च के बाद से अबतक 17 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
इस ऑयल का इस्तेमाल खाना बनाने के अलावा बिस्कुट व बॉयोफ्युल बनाने में किया जाता है। कारोबारियों के मुताबिक मलेशिया के बाजार में मंदी का आलम रहा और दोपहर तक कुछ ही खरीदारी देखने को मिली।
इधर चीन ने सोमवार को कहा है कि मूल्य बढ़ोतरी पर काबू पाने के लिए वह आपूर्ति मजबूत करने की दिशा में सोयाऑयल के सुरक्षित स्टॉक को जारी करेगा। यह मूल्य बढ़ोतरी पिछले 12 सालों के रिकार्ड को तोड़ चुकी है।