तेलंगाना सरकार और केंद्र के बीच आगामी कोयला ब्लॉक नीलामी को लेकर तकरार की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य सरकार चाहती है कि केंद्र सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी (एससीसीएल) क्षेत्र में पडऩे वाले चार ब्लॉकों को नीलामी की सूची से बाहर कर दे।
करीब 41,000 कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली ट्रेड यूनियनों ने नीलामी के निर्णय के खिलाफ पिछले गुरुवार से शनिवार तक तीन दिन हड़ताल की थी जिससे कंपनी को 120 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ है। कंपनी को प्रतिदिन करीब 1.4 लाख टन का उत्पादन नुकसान उठाना पड़ा है। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), इंडियन नैशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू), हिंद मजदूर सभा (एचएमएस) और तेलंगाना बोग्गू गनी कर्मिका संघम (टीआरएस) के प्रतिनिधित्व वाली एक संयुक्त संघर्ष समिति अब इस मुद्दे पर कानूनी तरीके से आगे बढऩे पर विचार कर रही है जिससे संभवत: राज्य सरकार का समर्थन भी मिल सकता है।
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चार ब्लॉकों – सतुपल्ली ओसी-3, सर्वपल्ली ओसी, कोया गुडेम ओसी-3 और कल्याणीखानी ब्लॉक-6 यूजी को 13वें चरण की नीलामी में शामिल ब्लॉकों की सूची से बाहर करने के लिए कोयला मंत्रालय को निर्देश देने के लिए कहा है। इन ब्लॉकों की इलेक्ट्रॉनिक नीलामी जनवरी में निर्धारित है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘करीब 41,000 कर्मचारियों ने हड़ताल की है जिसके कारण कंपनी को रोजाना 40 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। प्रबंधन ने सूचित किया कि इस संबंध में निर्णय केंद्र सरकार ले रही है।’ कंपनी में तेलंगाना सकरार की हिस्सेदारी 51 फीसदी है जबकि शेष 49 फीसदी हिस्सेदारी केंद्र सरकार की है।
