नैशनल कमोडिटी ऐंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) पर चीनी के कारोबार में पिछले पांच महीने के दौरान 77 फीसदी की गिरावट आई है।
देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ने की की कीमतों को लेकर बने अनिश्चितता के माहौल की वजह से कारोबारियों की दिलचस्पी चीनी के कारोबार में घटती गई है।
एनसीडीईएक्स की शोध इकाई,राष्ट्रीय कमोडिटी शोध संस्थान (एनआईसीआर), की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार कारोबार की मात्रा नवंबर में घट कर 5,73,550 टन हो गई जबकि जुलाई में यह 24,55,400 टन थी।
इसी तरह, चीनी के कारोबार से होने वाली आय नवंबर महीने में घट कर 1,046 करोड़ रुपये रह गई जबकि जुलाई में 4,129 करोड़ रुपये थी। इस साल की शुरुआत में भी इसी तरह का चलन देखा गया था। मार्च से जून के दौरान कारोबार के परिमाण और आय दोनों में भारी गिरावट देखी गई।
इस अवधि में कुल परिमाण 20,52,840 टन से घट कर 4,46,670 टन हो गया। परिणामस्वरूप, टर्नओवर भी 3,317 करोड़ रुपये से घट कर 652 करोड़ रुपये हो गया।
देश के सबसे बड़े कृषि कमोडिटी एक्सचेंज के मुख्य कारोबारी अधिकारी उनोपम कौशिक ने बताया, ‘सीजन के शुरुआत के साथ ही दिसंबर के बाद कारोबार में तेजी आएगी।’
कमोडिटी की कीमतों में अस्थिरता के कारण जब कारोबारियों का भरोसा डोलने लगता है और वे असुरक्षित महसूस करने लगते हैं तो वायदा बाजार उनके बचाव के लिए आगे आता है।
वायदा बाजार में कारोबारी अपने जोखिमों की हेजिंग करते हैं ताकि वे वर्तमान बाजार मूल्य की अस्थिरता से सुरक्षित हो सकें।
2008-09 की सीजन की पेराई की शुरुआत से पहले उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने वर्तमान सीजन के लिए गन्ने की खरीद का राज्य परामर्शित मूल्य बढ़ा कर 140 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है जबकि पिछले सीजन में यह 125 रुपये था।
राज्य सरकार के इस कदम का चीनी मिलों ने कड़ा विरोध किया और यही वजह है कि पेराई में देरी हुई है। इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आना बाकी है।
देश के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र में परिस्थितियां ठीक नहीं है। वहां के किसानों पर गेहूं और तिलहन की बुआई के लिए गन्ने की फसल की कटाई करने का भारी दबाव है।
लेकिन, देर से बारिश होने के कारण कटाई में देरी हुई है और मिलों का काम भी देर से शुरू हो रहा है।
गौर करने लायक बात यह है कि भारत सरकार ने अमेरिकी कृषि विभाग के इस आंकलन का खंडन किया है कि भारत इस साल संभवत: 10 लाख टन चीनी का आयात करेगा।
हाल में हुई बैठक में कृषि मंत्री शरद पवार ने चीनी आयात की किसी संभावना से इनकार किया था।
2008 में चीनी का कारोबार
महीना करोड़ टन करोड़ रुपये
जनवरी 1,51,299 2,310
फरवरी 1,14,474 1,721
मार्च 2,05,284 3,317
अप्रैल 75,410 1,120
मई 65,872 964
जून 44,667 652
जुलाई 2,45,540 4,129
अगस्त 2,10,074 3,804
सितंबर 1,14,748 2,028
अक्टूबर 84,946 1,522
नवंबर 57,355 1,046
स्रोत : एनसीडीईएक्स