केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को निर्यात में दी जाने वाली रियायत अगले छह महीने तक यानी 1 अक्टूबर 2008 तक जारी रखने का फैसला लिया है। केंद्रीय कृषि एवं खाद्य मंत्री शरद पवार ने चीनी निर्यातकों के साथ हुई बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि सरकार की ओर से चीनी के निर्यात पर मिलने वाली सब्सिडी एक अक्टूबर तक जारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि आर्थिक मामलों की संसदीय समिति ने ने 9 अक्टूबर को चीनी के निर्यात पर दी जाने वाली सब्सिडी को एक साल तक, यानी 19 अप्रैल, 2008 से 18 अप्रैल 2009 तक बढ़ाने की अनुमति दी थी।
गौरतलब है कि पिछले साल (2006-07) देश में रिकार्ड 283 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जबकि जबकि घरेलू मांग 200 टन ही थी। ऐसे में गन्ना किसानों को भुगतान में मिल मालिकों को दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार ने चीनी के निर्यात को बढ़ावा देने के मकसद से सब्सिडी देने का फैसला किया था। यह सब्सिडी तटवर्ती मिल मालिकों को 1,350 रुपये प्रति टन, जबकि मैदानी-पहाड़ी इलाकों के मिल मालिकों को 14,50 रुपये प्रति टन दी जा रही है। पवार ने कहा कि देश में चीनी का रिकार्ड उत्पादन हुआ है, ऐसे में मिल मालिक सब्सिडी का फायदा उठाएं और विदेशों में अधिक से अधिक मात्रा में चीनी का निर्यात करें। पवार ने यह भी कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2007-08 में सितंबर के अंत तक करीब 51 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया, जबकि इसी वित्तीय वर्ष की शेष अवधि में 25 लाख टन चीनी के निर्यात का लक्ष्य रखा गया था, जबकि अब तक 26 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है।
