नारियल तेल की कीमतें आज 6000 रुपये प्रति क्विंटल की मनोवैज्ञानिक रेखा के पार चली गईं।
बाजार के एक जानकार का मानना है कि इससे तेजी के एक नये दौर की शुरुआत हो गई है। गर्मियों की दस्तक, कम आपूर्ति और ज्यादा मांग की वजह से तैयार नारियल तेल और गरी दोनों की कीमतें 6,050 रुपये प्रति क्विंटल को छू गईं।
बाजार के रुझान बताते हैं कि जब तक तमिलनाडु से नारियल तेल की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होगी तब तक कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। विशू त्यौहार की वजह से भी कीमतों में तेज आई है। ज्यादातर व्यापारियों का मानना है कि अगले 8-10 हफ्तों में थोक बाजार में कीमतें 6,000-6,500 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बनी रहेंगी। पाम ऑयल पर आयात शुल्क घटाने से भी नारियल तेल की कीमतों में कीमतों पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है।
अधिकतर व्यापार अभी पाम ऑयल को विकल्प के रूप में अपनाने की नहीं सोच रहे हैं। दूसरी ओर सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद अदरक और सूरजमुखी के तेल के दाम ऊपर चढ़ने के पूरे आसार हैं। कोचीन ऑयल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एम जे कुरियाकोज के अनुसार केरल और तमिलनाडु में असामान्य बारिश ने भी नारियल को सुखाने में बाधा उत्पन्न की है।