केंद्र सरकार ने आज दलहन के थोक और खुदरा विक्रेताओं की स्टॉक सीमा को लेकर कुछ राहत दी है। वहीं आयातकों पर स्टॉक सीमा लगाए जाने के कुछ दिन के भीतर ही इसे पूरी तरह हटा लिया गया है। इस महीने की शुरुआत में दलहन पर स्टॉक सीमा लगाए जाने को लेकर कारोबारी व आयातक आवाज उठा रहे थे और इसका व्यापक विरोध हो रहा था।
खुदरा व्यापारियों के अधिकतम स्टॉक सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है और उसे 5 टन यथावत रखा गया है। छोटे दलहानों जैसे राजमा, काबुली चना, लोबिया, मटर और मोठ को भी स्टॉक रखने की सीमा के दायरे से बाहर रखा गया है।
पुनरीक्षित आदेश के मुताबिक थोक विक्रेता अब 500 टन दलहन रख सकते हैं, जिसमें एक किस्म की दाल 200 टन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके पहले 2 जुलाई को जारी आदेश में थोक विक्रेताओं के लिए अधिकतम 200 टन स्टॉक रखने की सीमा तय की गई थी।
इसके साथ ही मिल मालिक अब अपने 6 महीने के उत्पादन के बराबर या सालाना क्षमता का 50 प्रतिशत, जो भी ज्यादा हो, स्टॉक रख सकते हैं। इसके पहले मिलर के लिए उनके उत्पादन के 3 महीने के बराबर, या सालाना क्षमता का 25 प्रतिशत (इसमें से जो भी ज्यादा हो) स्टॉक सीमा तय क ी गई थी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘मिलर्स को राहत देने का असर नीचे तक जाएगा और इससे किसान आश्वस्त हो सकेंगे, जो खरीफ की फसल उड़द और अरहर की बुआई कर रहे हैं।’ इसमें कहा गया है कि जमाखोरों पर कार्रवाई करके पिछले दो महीनों में आधिकारिक पोर्टल पर करीब 8343 पंजीकरण किए गए हैं, जबकि करीब 30 लाख टन स्टॉक घोषित किया गया है।
आधिकारिक बयान में यह भी कहा गया है कि सरकार की ओर से पिछले कुछ महीने में उठाए गए विभिन्न कदमों के कारण मसूर को छोड़कर सभी दालों की थोक कीमत पिछले 2 माह में 3 से 4 प्रतिशत कम हुई है और इस अवधि के दौरान खुदरा दाम भी गिरे हैं।
इसके पहले इस महीने खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा था कि पिछले दो महीने के दौरान दाम कम होने के बावजूद दलहन की स्टॉक सीमा लगी रहेगी क्योंकि खुदरा बाजार में दरें अभी भी पिछले साल की तुलना में बहुत ज्यादा हैं।
कमोडिटी ट्रेडिंग और रिसर्च फर्म आईग्रेन इंडिया के राहुल चौहान ने कहा, ‘उद्योग के लिए यह अच्छी खबर है। यह सरकार का अच्छा फैसला है। स्टॉक सीमा बढ़ाए जाने से बाजार तेज हो सकता है। लेकिन हमें यह समझना चाहएि कि कीमतों पर नियंत्रण का सरकार का कदम बेहतर मकसद से उठाया गया कदम है। सोमवार को यह खबर आने के बाद से, जो सप्ताह की शुरुआत है, बाजार सुधर सकता है। लेकिन यह एक निश्चित समय तक रहेगा क्योंकि उन्हें 30 दिन के भीतर स्टॉक खत्म करना होगा। मटर, काबुली चना, मोठ, लोबिया, राजमा के लिए अच्छी खबर है।’
इंडियन पल्सेज ऐंड ग्रेंस एसोसिएशन के वाइस चेयरमैन विमल कोठारी ने कहा कि स्टॉक सीमा में राहत देने के कदम से आने वाले महीनों में आपूर्ति बेहतर होगी और आगामी त्योहारी सीजन में कीमतों में स्थिरता आएगी।