इस्पात सचिव पी. के. रस्तोगी ने कहा है कि वैश्विक बाजार में अगर कोकिंग कोल की कीमत गिरती है तो जून के बाद घरेलू बाजार में स्टील की कीमत में 3,000 रुपये प्रति टन तक की कमी आएगी।
रस्तोगी ने कहा – संभव है कि जून के बाद कोकिंग कोल की कीमत घटे। इसका असर स्टील की घरेलू कीमत पर भी पड़ सकता है और कीमत 3,000 रुपये प्रति टन तक कम हो सकती है।
सेल, टाटा स्टील, आरआईएनएल और जेएसडब्ल्यू समेत भारत की प्रमुख स्टील कंपनियों का कोकिंग कोल की आपूर्ति के मामले में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की खनन कंपनियों के साथ दीर्घकालिक समझौता (एलटीए) है।
पिछले साल के एलटीए के मुताबिक स्टील के उत्पादक करीब 300 डॉलर प्रति टन की दर से कोकिंग कोल खरीद रहे हैं जबकि हाजिर बाजार में इसकी कीमत घटकर 200 डॉलर प्रति टन रह गई है।
स्टील सेक्टर की तरफ से कच्चे माल की मांग में कमी आने की वजह से कोकिंग कोल की कीमत में गिरावट का अनुमान लगाते हुए रस्तोगी ने कहा कि स्टील की कीमत पर इसका असर निश्चित रूप से पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि स्टील सेक्टर के लिए ये सकारात्मक संकेत हैं। घरेलू बाजार में स्टील की कीमतें 40 फीसदी तक गिर गई हैं और यह 31000 रुपये प्रति टन के आसपास है क्योंकि कंस्ट्रक्शन और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टर में इसकी मांग काफी कम हो गई है।
रस्तोगी ने कहा कि अगर कोकिंग कोल सस्ता होता तो स्टील की कीमतें और कम हो गई होती। यह पूछे जाने पर कि घरेलू बाजार में स्टील की मांग कब जोर पकड़ेगी, रस्तोगी ने कहा कि यह देश की आर्थिक सेहत पर निर्भर करेगा।
स्टील सेक्टर इस वित्त वर्ष में 4 फीसदी की विकास दर दर्ज कर सकता है, लेकिन जिस तरह से सरकार आर्थिक मोर्चे पर कदम उठा रही है उससे इन्फ्रास्ट्रक्चर की तस्वीर बदलेगी और इसका फायदा स्टील उद्योग को निश्चित रूप से मिलेगा।