लंबे समय तक विचार-विमर्श के बाद प्रमुख इस्पात निर्माताओं ने वाहन निर्माताओं के लिए आखिरकार कीमतों में 10-16 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है।
फ्लैट यानी सपाट इस्पात (कार बॉडी, नॉन-एक्सपोज्ड कार चेशिश और सुरक्षा उपकरणों में इस्तेमाल होने वाले) के लिए यह कीमत वृद्घि प्रति टन 7,500-9,800 रुपये है। वहीं लॉन्ग श्रेणी में प्रति टन करीब 6,000 रुपये का इजाफा किया गया है। लॉन्ग श्रेणी के इस्पात का इस्तेमाल इंजन, ट्रांसमिशन, स्टीयरिंग, सीटिंग और वायर प्रयोगों में किया जाता है।
कुछ मिलें अनुबंधों को पहले ही अंतिम रूप दे चुकी हैं, कुछ को महीने के अंत तक अनुबंध पूरे होने की उम्मीद है। अनुबंध अप्रैल-जून तिमाही के लिए है।
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धार ने कहा, ‘हमने कुछ अनुबंधों को अंतिम रूप दे दिया हौर शेष को महीने के अंत तक पूरा किया जाएगा। सीआरसीए (कोल्ड-रॉल्ड क्लोज-एनीलेड) में कीमत वृद्घि वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए करीब 10,000 रुपये प्रति टन होगी।’ एएम/एनएस फ्लैट श्रेणी के इस्पात निर्माण से जुड़ी हुई है।
जेएसडब्लयू स्टील के निदेशक (वाणिज्यिक एवं विपणन) जयंत आचार्य ने इसकी पुष्टि की कि अप्रैल-जून तिमाही के लिए वाहन अनुबंधों को अंतिम रूप दिया जा चुका है।
टाटा स्टील महीने के अंत तक अपने अनुबंधों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है।
आचार्य ने कहा, ‘जहां हम अनुबंध पूर होने को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन घरेलू हाजिर कीमतों और विभिन्न उत्पादों में तिमाही अनुबंधों के बीच बड़ा अंतर बना हुआ है।’
इस्पात उद्योग के सूत्रों का मानना है कि घरेलू कीमतों और तिमाही वाहन अनुबंधों के बीच अंतर कीमत वृद्घि के बाद विभिन्न उत्पादों में प्रति टन करीब 18-25 प्रतिशत है। साथ ही वाहन उद्योग के लिए अंतरराष्ट्रीय हाजिर और घरेलू तिमाही अनुबंध कीमतों में अंतर भी काफी अधिक है।
एक इस्पात उत्पादक ने कहा कि सीआरसीए के लिए शुरुआत कीमत 57,000-58,000 रुपये प्रति टन (मोलभाव के लिए शुरुआती कीमत), और ऑटो-ग्रेड हॉट रोल्ड (एचआर) के लिए यह 54,000-55,000 रुपये प्रति टन है। अप्रैल-जून अनुबंधों को अंतिम रूप दिए जाने के साथ, कंपनियों द्वाा दूसरी तिमाही के लिए बातचीत खुली रखने की संभावना है और संकेत मिल रहा है कि यह कीमत वृद्घि और ज्यादा हो सकती है।
इस्पात कीमतें पिछले साल वैश्विक रूप से तेज बनी रहीं। घरेलू फ्लैट इस्पात कीमतें जून 2020 के 38,000 रुपये प्रति टन से करीब दोगुनी बढ़कर जून 2021 में 72,000 रुपये प्रति टन पर पहुुंच गईं। क्रिसिल ने इस महीने के शुरू में एक रिपोर्ट में जानकारी दी थी कि लॉन्ग श्रेणी के इस्पात की कीमत 1.4 गुना बढ़कर 57,900 रुपये प्रति टन हो गई।
जनवरी-मार्च अवधि के लिए ताजा कीमत वृद्घि करीब 7,000 रुपये प्रति टन थी।