बुनियादी ढांचे पर सरकार का जोर और निर्माण, इंजीनियरिंग व औद्योगिक क्षेत्र के अलावा वाहन क्षेत्रों से सुधरी मांग के कारण साल 2022 में भारत में स्टील की खपत में तेजी आने की उम्मीद है। ब्रोकरेज फर्मों व रेटिंग एजेंंसियोंं का ऐसा मानना है।
भारत में स्टील की खपत कैलेंडर वर्ष 2022 में बढ़कर 11.1 करोड़ टन पर पहुंचने की उम्मीद है, जो कैलेंडर वर्ष 2020 में काफी ज्यादा प्रभावित हुआ था और तब स्टील की खपत घटकर 8.93 करोड़ टन रह गई थी। केयर रेटिंग्स ने हालिया रिपोर्ट में ये बातें कही है।
सज्जन जिंदल की जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, नवीन जिंदल की जिंदल स्टील ऐंड पावर, सरकारी कंपनी सेल और एएम/एनएस देश की कुछ अग्रणी एकीकृत स्टील उत्पादक कंपनियां हैं। वैश्विक स्तर पर अमेरिका ने हाल में बुनियादी ढांचे पर अतिरिक्त 1 लाख करोड़ डॉलर खर्च का ऐलान किया है, जो देश के स्टील उपभोग में खासा इजाफा करेगा, लिहाजा अमेरिकी बाजार में स्टील की कीमतें मजबूत बनी रहेगी। यह कहना है ब्रोकरेज फर्र्मों का।
दुनिया की सबसे बड़ी स्टील उपभोक्ता व उत्पादक चीन में कार्बन उत्सर्जन पर लगाम के ळिए उत्पादन पर लगातार पाबंदी से चीन का निर्यात घटा है, जिससे वैश्विक निर्यात कीमतें उच्चस्तर पर बनी रही है। उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि स्टील के उत्पादन व उपभोग का समीकरण के अलावा आपूर्ति शृंखला के प्रदर्शन और लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था साल 2022 में महामारी के बीच स्टील के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं।
एक स्टील उत्पादक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, दुनिया भर की कंपनियां व देशों ने अपनी लॉजिस्टिक्स की मजबूती के लिए कदम उठाए हैं लेकिन कोई नहीं जानता कि क्या यह पर्याप्त है। जब हम साल 2022 में आगे बढ़ेंगे तभी इस पर और स्पष्टता सामने आएगी।
एसऐंडपी ग्लोबल प्लैट्स एनालिटिक्स की रिपोर्ट मेंं कहा गया है, देसी बाजार में स्टील की कीमतें साल 2022 में 10 से 15 फीसदी तक नरम होने की संभावना है, जिसकी वजह बढ़ा हुआ उत्पादन होगी और इससे आपूर्ति अवरोध दूर भी आसान होगा।
एसऐंडपी ने कहा, भारत में हॉट रोल्ड कॉयल की कीमतें कैलेंडर वर्ष 2022 में औसतन 53,550 से 56,700 रुपये प्रति रहने की उम्मीद है। साल 2021 में औसत कीमतें 63,000 रुपये प्रति टन रही, जो कैलेंडर वर्ष 2020 के मुकाबले 58 फीसदी ज्यादा है। एसऐंडपी ने यह जानकारी दी।