रिलायंस और उसकी साझेदार बीपी ने आर क्लस्टर से गैस उत्पादन शुरू कर दिया है। दोनों कंपनियों ने आज इसकी जानकारी दी। आर क्लस्टर भारत के पूर्वी तट से दूर समुद्र में केजी डी6 बेसिन में स्थित है। दोनों कंपनियां मिलकर केजी डी6 तेल क्षेत्र में तीन गैस परियोजनाएं विकसित कर रही हैं। बाकी दो परियोजनाएं सैटेलाइट्स क्लस्टर एवं एमजे हैं। दोनों कंपनिया ने साझे बयान में कहा कि इन परियोजनाओं से 2023 तक भारत की 15 प्रतिशत गैस मांग पूरी हो सकती है।
इस गैस क्षेत्र से वर्ष 2021 में करीब 12.9 मिलियन मानक घन मीटर प्रतिदिन (एमएमएससीएमडी) गैस का उत्पादन होने लगेगा। सैटेलाइट क्लस्टर से 2021 में और एमजे से 2022 में उत्पादन शुरू हो सकता है। तीनों परियोजनाओं से 2023 तक अधिकतम उत्पादन 30 एमएमएससीएमडी तक पहुंच जाएगा। दोनों कंपनियों ने बयान में दावा किया कि भारत में कुल गैस उत्पादन में इन परियोजनाओं का योगदान करीब 25 प्रतिशत होगा और इससे गैस आयात पर देश की निर्भरता कम हो जाएगी।
केजी डी6 क्षेत्र में 66.67 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ आरआईएल इसका परिचालन करती है और शेष 33.33 प्रतिशत हिस्सेदारी बीपी के पास है। यह क्षेत्र काकीनाडा तट से दूर मौजूदा केजी डी6 कंट्रोल ऐंड राइजर प्लेटाफॉर्म (सीआरपी) से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। 2,000 मीटर से ज्यादा गहराई पर स्थित यह क्षेत्र एशिया का सबसे गहरा अपतटीय क्षेत्र है।
आरआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने एक बयान में कहा, ‘कृष्णा गोदावरी बेसिन में गहरे पानी में मौजूद अपने बुनियादी ढांचे से हमें गैस तैयार करने और देश की स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती जरूरतें पूरी करने की उम्मीद है।’ बीपी के मुख्य कार्याधिकारी बर्नाड लूनी ने कहा कि यह शुरुआत रिलायंस के साथ कंपनी की साझेदारी की संभावनाओं का एक और उदाहरण है। उन्होंने कहा, ‘दोनों कंपनियां अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतें पूरी करने में मदद करेंगी। भारत की ऊर्जा मांग पूरी करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने में केजी डी6 बेसिन की ये तीनों परियोजनाएं खासी मददगार साबित होंगी।’
हालांकि आरआईएल का तेल एवं गैस कारोबार फिलहाल नुकसान में चल रहा है। अमेरिका में शेल गैस परिचालन कमजोर रहने से आरआईएल के तेल-गैस कारोबार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस साल वेस्टर्न टैक्सस इंटरमीडिएट (अमेरिका में कच्चे तेल का मानक सूचकांक) ज्यादातर समय कमजोर रहा है। पिछले वित्त वर्ष में आरआईएल का कुल कारोबार 6,59,205 करोड़ रुपये और नकद मुनाफा 71,446 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी का शुद्ध मुनाफा 39,880 करोड़ रुपये था।
दो पेट्रोलियम रिफानरियों का परिचालन करने के साथ-साथ कंपनी खुदरा एवं दूरसंचार कारोबार पर ध्यान केंद्रित कर रही है। गैस उत्पादन में साझेदारी के अलावा आरआईएल और बीपी इस वर्ष के शुरू में पेट्रोल के खुदरा एवं विमानन ईंधन कारोबार में भी साथ आई हैं।
