देसी चाय उद्योग पर अंतरराष्ट्रीय मंदी का असर दिखने लगा है। चाय उद्योग में साल 1999 से चल रहा संकट अभी पूरी तरह खत्म नहीं हो पाया था कि एक बार फिर चाय निर्यात पर संकट के बादल दिखने लगे हैं।
इस साल अक्टूबर तक हालांकि चाय निर्यात का रुख सकारात्मक था, लेकिन पिछले दो महीन से इसमें काफी गिरावट देखी जा रही है। इस साल अक्टूबर तक चाय का निर्यात 15.6 करोड़ किलोग्राम पर पहुंच गया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंदी के चलते अब इसमें भी मंदी दिखने लगी है।
चाय के आयातक पश्चिमी देश और रूस इसका कम आयात कर रहा है। टी असोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष शशांक प्रसाद ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस साल अब तक यह पिछले साल के मुकाबले बेहतर स्थिति में था।
उन्होंने कहा कि चाय नीलामी की शुरुआती बढ़त अंतरराष्ट्रीय मंदी की भेंट चढ़ गई है। साल 2007 में 94.5 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ था और इसमें से 17.9 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ था।
इस साल अक्टूबर तक 83.3 करोड़ किलोग्राम चाय का उत्पादन हुआ और समझा जाता है कि साल के आखिर तक यह 96.5 करोड़ किलोग्राम तक पहुंच जाएगा, जोकि पिछले साल के मुकाबले बेहतर ही कहा जाएगा।
प्रसाद ने कहा कि निर्यात में गिरावट के चलते देसी बाजार में चाय की भरमार हो गई है और यही वजह है कि यहां कीमत पर दबाव बन गया है।