चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी जारी है और इस वजह से इसकी कीमतों पर असर पड़ रहा है।
इस हफ्ते भी रुख में कोई खास बदलाव के संकेत नहीं दिख रहे क्योंकि गर्मी के महीने में चीनी की मांग में बढ़ोतरी होगी और उम्मीद है कि बाजार में सप्लाई का रुख भी ऐसा ही रहेगा।
यानी मांग-आपूर्ति में अंतर नहीं रहेगा। पिछले हफ्ते चीनी वायदा 1600 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर था, लेकिन उस स्तर पर टिक नहीं पाया और इसमें 40 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। कोटक कमोडिटी के विशेषज्ञ के मुताबिक, चीनी के बड़े खरीदार मसलन आइसक्रीम निर्माता, कोल्ड ड्रिंक निर्माता और चॉकलेट निर्माता की मांग में इजाफा हो रहा है, लेकिन आपूर्ति में कोई कमी नहीं आई है।
इसी वजह से कीमत में कोई खास उछाल नहीं देखा जा रहा। उन्होंने कहा कि चीनी के अप्रैल वायदा का महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल 1545 रुपये है और इस हफ्ते यह इसी स्तर के आसपास रहने के आसार हैं। चीनी का मार्च कोटा 15 लाख टन का है और यह फरवरी के स्तर से ज्यादा है। बाजार को उम्मीद है कि अप्रैल केलिए भी यही स्तर रहेगा। गर्मी की मांग को देखते हुए सरकार हालांकि कोटा बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस हफ्ते चीनी का बाजार नरम ही रहेगा। एनसीडीईएक्स में एम ग्रेड चीनी का अप्रैल वायदा 1560 रुपये पर था।