दिनों-दिन सोने की आसमान छूती कीमत ने देश के लाखों खुदरा आभूषण व्यापारियों की कमर तोड़ दी है।
इसके चलते देश के ज्यादातर खुदरा व्यापारियों द्वारा नए स्टोर खोले जाने की योजना को मानों ब्रेक सा लग गया है। यह कहना गलत नहीं होगा कि सोने से वारा-न्यारा करने वाले इन आभूषण विक्रेताओं के लिए खुद दमकता सोना ही बैरी बन गया है।बेंग्लुरु स्थित राजेश एक्सपोर्ट के अध्यक्ष राजेश मेहता ने बताया,”सोने की बढ़ती कीमत की वजह से उपभोक्ताओं को भी चिंता समा गई है। यह देखने को मिल रहा कि ग्राहक या तो सोने की खरीदारी के लिए इंतजार करने को मजबूर हैं या फिर उनकी खरीदारी में काफी कमी आ गई है।
इसके चलते फिलहाल हमारी कंपनी इस वक्त अपने कारोबार को बढ़ाने के मूड में नहीं है। कंपनी सोने की कीमत के सामान्य होने तक इंतजार कर सकती है।इसके अलावा पारंपरिक आभूषणों पर भी सोने की बढ़ती कीमत का खासा प्रभाव पड़ा है। चिंतामणि ज्वैलर्स के अध्यक्ष अरुण काइगोंकर ने बताया, ”खुदरा व्यापारियों के लिए यह बेहद जरूरी है कि कारोबारी ढांचे के हिसाब से अपने आपको संगठित करें, ताकि कम समय में ही तेजी से विकास कर रहे मॉल्स और ब्रांडों में अपनी जगह बना सकें।
इस वक्त हम इंतजार करेंगे और नीतियों पर नजर रखेंगे। फिलहाल हम लोग आने वाले 3 से 4 महीनों तक कोई नए स्टोर नहीं खोलने वाले हैं।” इस उम्मीद के साथ कि आने वाले कुछ महीनों में सोने की आसमान छूती कीमतों में थोड़ी राहत आएगी, चिंतामणि ज्वैलर्स ने मुंबई में तीन और पुणे में एक स्टोर खोलने की योजना में फिलहाल ब्रेक लगा दिया है।
दुनिया के सबसे बड़े सोना बाजारों में से एक भारत- जहां कि सोने की सबसे ज्यादा खपत होती है, सोने में आई तेजी की वजह से ठंडा पड़ गया है। कुछ दिनों पहले ही रिपोर्ट आई थी कि सोना आयात में 80 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि हाल-फिलहाल में मुंबई में जरूर सोने की कीमत में 2.48 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। यहां सोना 13,160 रुपये पर खुला। इसके इतर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने का कारोबार 1000 डॉलर प्रति आउंस से ऊपर पहुंच गया है।
ओरा के सीईओ विजय जैन ने बताया,”भले ही वर्तमान में आभूषण कारोबार की गति थोड़ी धीमी पड़ गई हो लेकिन इसकी पूरी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इसमें खासा इजाफा देखने को मिलेगा। इस बात की पूरी संभावना है कि आने वाले एक साल में सोने की कीमत में 8 से 10 फीसदी की कमी आएगी।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उपभोक्ताओं में सोने की घटती मांग से संगठित खिलाड़ियों को कोई खास नुकसान नहीं होगा लेकिन खुदरा व्यापारियों पर इसका प्रभाव जरूर पड़ सकता है।
इसका मुख्य कारण है – योजनाओं पर अमल करने के लिए खुदरा व्यापारियों के पास निवेश करने की क्षमता काफी कम है। आभूषण उद्योग से जुड़े विश्लेषकों का भी मानना है कि बड़े खिलाड़ियों पर सोने की बढ़ती कीमत का बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि उनके उत्पादन का बास्केट खुदरा व्यापारियों के मुकाबले बहुत बड़ा है। आभूषण कारोबार में आई उथल-पुथल पर मुंबई के ही एक अन्य व्यापारी एस. जी. महाप्राल्कर ने बताया कि उन्होंने कारोबार की योजना को बदल दिया है।
सोना चढ़ा
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा बेंचमार्क ब्याज दर में कटौती के बाद सोने की कीमत चढ़ गई जबकि कच्चे तेल की कीमत में गिरावट दर्ज की गई। सोना 8.36 डॉलर चढ़कर 990.60 डॉलर प्रति औंस हो गया। हालांकि यह 17 मार्च के रिकॉर्ड स्तर 1032.70 डालर प्रति औंस से अभी भी चार प्रतिशत कम है।
निर्यात बढ़ा
हीरे पर शून्य आयात शुल्क के कारण भारत का रत्न और आभूषण निर्यात फरवरी में 41.67 फीसदी बढ़कर 186.36 करोड़ डॉलर हो गया है। परिषद ने कहा कि एक साल पहले निर्यात का यह आंकड़ा 131. 53 करोड़ डॉलर था। कारोबारी हीरे पर आयात शुल्क के अभाव का फायदा उठा रहे हैं।