देश के विभिन्न एक्सचेंज और नियामक मिलकर विश्व निवेशक सप्ताह मनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं जिसका मकसद आम लोगों के बीच निवेश की जानकारी पहुंचाना है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का मानना है कि निवेशकों के बीच जिंस डेरिवेटिव बाजार के बारे में जागरूकता बढ़ाने की तत्काल जरूरत है, क्योंकि इस खंड में वित्तीय समावेशन का स्तर बहुत कम है।
सेबी के कार्यकारी निदेशक (ईडी) जीपी गर्ग ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एमसीएक्स) में विश्व निवेशक सप्ताह-2021 में कहा कि सभी हितधारकों को जिंस डेरिवेटिव के बारे में निवेशकों को शिक्षित करने के प्रयास करने चाहिए। विश्व निवेशक सप्ताह-2021 का आयोजन 22-28 नवंबर के बीच किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केंद्र के तत्वावधान में एक सर्वेक्षण किया था और हमने पाया कि जिंस डेरिवेटिव बाजार में वित्तीय समावेशन का स्तर बहुत कम है। भारत में वयस्क आबादी का केवल चार फीसदी ही जिंस बाजार में किसी प्रकार के निवेश के बारे में जानता है या उसके पास निवेश है। उन्होंने कहा कि एक्सचेंजों, सेबी और अन्य हितधारकों को साथ मिलकर जिंस डेरिवेटिव के बारे में एक जागरूकता पहल की जरूरत है।
बीएसई और डिपॉजिटरी सीडीएसएल ने दुनियाभर में लोकप्रिय ‘विश्व निवेशक सप्ताह 2021’ के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की सोमवार को घोषणा की। बीएसई और सीडीएसएल ने अलग-अलग जारी बयानों में विश्व निवेशक सप्ताह के 21 नवंबर से 28 नवंबर के दौरान आयोजन की जानकारी देते हुए कहा कि इस अवधि में निवेशकों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम किए जाएंगे। सेबी के कार्यकारी निदेशक जीपी गर्ग ने कहा कि प्रतिभूति बाजार का एक अहम कार्य यह सुनिश्चित करना भी है कि बचत की गई राशि को निवेश में लगाया जाए और उससे सभी हितधारकों के लिए पूंजी एवं संपत्ति का निर्माण हो। इसके लिए निवेशकों का शिक्षित एवं जागरूक होना जरूरी है।
सेबी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (आईओएससीओ) के तत्वावधान में आयोजित होने वाले इन कार्यक्रमों में निवेशकों को शिक्षित करने और उनके हितों की सुरक्षा की जानकारी दी जाएगी। इस सप्ताह में बाजार के ढांचागत संस्थान- मसलन, स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरी और मंजूरी देने वाले निगम निवेश शिक्षा से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
