फसल वर्ष 2022-23 के चालू रबी सत्र में अब तक 54,000 हेक्टेयर रकबे में गेहूं बोया गया है, जो एक साल पहले की समान अवधि के 34,000 हेक्टेयर के रकबे से 59 प्रतिशत अधिक है। रबी सत्र की मुख्य फसल गेहूं की बोआई अक्टूबर में शुरू होती है और मार्च-अप्रैल में इसकी कटाई होती है। इसके अलावा चना और सरसों रबी मौसम (जुलाई-जून) के दौरान उगाई जाने वाली अन्य प्रमुख फसलें हैं।
बोआई के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में गेहूं की बोआई का काम तेजी से चल रहा है। आंकड़ों से पता चलता है कि 28 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश में लगभग 39,000 हेक्टेयर, उत्तराखंड में 9,000 हेक्टेयर, राजस्थान में 2,000 हेक्टेयर और जम्मू-कश्मीर में 1,000 हेक्टेयर में गेहूं की बोआई की जा चुकी है। दलहन की बोआई का रकबा इस रबी सत्र में अब तक 8.82 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 5.91 लाख हेक्टेयर था। दलहन में चने की बोआई एक साल पहले के 5.91 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 6.96 लाख हेक्टेयर में की गई है।
तिलहन के मामले में लगभग 19.69 लाख हेक्टेयर में छह प्रकार के तिलहन बोए गए हैं जो रकबा एक साल पहले की अवधि के 15.13 लाख हेक्टेयर से अधिक है। इसमें से अधिकांश रकबे में रेपसीड और सरसों की 18.99 लाख हेक्टेयर में बोआई की गई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह रकबा 14.21 लाख हेक्टेयर ही था। आंकड़ों से पता चलता है कि पहले के 2.31 लाख हेक्टेयर के मुकाबले इस बार रबी सत्र के दौरान 4.68 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बोआई हुई है जो एक साल पहले 2.31 लाख हेक्टेयर में बोया गया था।
धान की बोआई 4.02 लाख हेक्टेयर में की गई है जो रकबा पहले 3.54 लाख हेक्टेयर था। इस रबी सत्र में 28 अक्टूबर तक सभी रबी फसलों का कुल रकबा 37.75 लाख हेक्टेयर रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि के 27.24 लाख हेक्टेयर से अधिक है। खरीफ फसलों की कटाई के उपरांत जमीन साफ होने के बाद आने वाले हफ्तों में बोआई में और तेजी आने की उम्मीद है।
