इस्पात सचिव प्रमोद रस्तोगी ने कहा कि देश के दूसरी सबसे बड़ी स्टील उत्पादक कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) मांग में आई कमी की वजह से कुछ उत्पादों के उत्पादन में कटौती कर सकती है।
हैदराबाद में एक सम्मेलन के दौरान रस्तोगी ने कहा कि भारत में लॉन्ग स्टील उत्पादों और हॉट रोल्ड कॉयल की मांगों में कमी आई है। उन्होंने सरकारी कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के उत्पादन में कटौती करने के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
सूत्रों ने बताया कि सेल के राउरकेला संयंत्र ने अपने सामान्य उत्पादन में कटौती कर दी है। गौरतलब है कि राउरकेला संयंत्र ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही तक 9 लाख टन बिक्री योग्य (सेलेबल) इस्पात की बिक्री की है जिसमें औसतन हर महीने 1.40 लाख टन सेलेबल इस्पात शामिल है। कंपनी का वार्षिक उत्पादन लक्ष्य 17 लाख टन का है।
राउरकेला संयंत्र का सितंबर, 2008 तक शुध्द मुनाफा 800 करोड़ रुपये था। इस्पात संयंत्र से जुड़े सूत्रों ने बताया कि वैश्विक बाजार में इस्पात की मांग में आई कमी की वजह से राउरकेला संयंत्र अक्तूबर में महज 90,000 टन सेलेबल इस्पात की बिक्री कर सका है।
उधर, इस्पात का उत्पादन करने वाली प्रमुख कंपनियां जेएसडब्ल्यू, एस्सार, और इस्पात ने अपने-अपने उत्पादन में 20-20 फीसदी की कटौती करने की घोषणा की है। सज्जन जिंदल की अगुवाई वाली जेएसडब्ल्यू स्टील ने कहा कि मौजूदा बाजार स्थिति को ध्यान में रखते हुए कंपनी प्रोडक्ट मिक्स का पुनर्गठन करेगा और इसके अंतर्गत उत्पादन कार्यक्रम में बदलाव करेगा।
रुइया प्रवर्तित एस्सार स्टील एवं विनोद मित्तल की अगुवाई वाली इस्पात इंडस्ट्रीज अपनी अधिकतम क्षमता से नीचे परिचालन कर रही है। एस्सार के प्रवक्ता ने बताया, ‘यह सही बात है कि हमारे इस्पात संयंत्र अपनी क्षमता के 75 फीसदी पर परिचालन कर रहे हैं।’
इस्पात इंडस्ट्रीज के अधिकारी ने बताया कि कंपनी बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए अपने उत्पादन में बदलाव कर रही है लेकिन इससे जुड़े आंकड़े देने से साफ इंकार कर दिया। वैश्विक आर्थिक मंदी की वजह से उपभोक्ता घर और कारों की खरीदारी करने में विलंब कर रहे हैं और इस वजह से स्टील की मांग और कीमतों में कमी आ रही है।
रिसर्च ऐंड कंसल्टिंग ग्रुप एजी ने 9 अक्टूबर को कहा था कि साल 2009 में स्टील के उत्पादन और खपत में 5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। उत्पादन में कटौती करने के मामले में सेल अपने प्रतिस्पर्ध्दियों की श्रेणी में आ सकता है जिन्होंने वैश्विक आर्थक विकास की रफ्तार धीमी पड़ने और कमोडिटी की कीमतों में आई कमी के कारण उत्पादन में कटौती की है।
कीमतों में गिरावट के बाद विश्व की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी आर्सेलरमित्तल ने पिछले सप्ताह कहा था कि यह अमेरिका में अपने उत्पादन में 35 प्रतिशत तक और यूरोप में 30 प्रतिशत तक की कटौती करेगा। लग्जेमबर्ग स्थित इस कंपनी की चौथी तिमाही में आय के अनुमानों में 48 प्रतिशत तक की कमी आएगी और यह 2.5 अरब डॉलर होगा।
यूरोप में कटौती
भारत की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील लिमिटेड ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह यूरोप में अपने उत्पादन में 30 प्रतिशत की कटौती करेगा। जर्मनी के सबसे बड़े स्टील उत्पादक थाईसेनक्रप एजी ने कहा कि वह दिसंबर में अपने संयंत्रों को अस्थाई तौर पर बंद करेगी। इसलिए वह स्टील के कच्चे माल ‘स्लैब’ की खरीदारी करना बंद कर देगी।