वैश्विक इस्पात की आपूर्ति में सुधार आने के साथ ही पिछले एक वर्ष से इस्पात कीमतों में हो रही बढ़ोतरी में कुछ कमी आने के आसार हैं।
केयर रेटिंग्स ने आज अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक इस्पात उत्पादन में चीन और भारत के दम पर कैलेंडर वर्ष 2021 के पहले पांच महीनों में सालाना आधार पर करीब 15 फीसदी की वृद्घि दर्ज की गई है। हालांकि, आधार प्रभाव कम है। हालांकि, रेटिंग्स एजेंसी को इस्पात की वैश्विक कीमतें उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद तेजी से घटने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। एजेंसी ने कहा कि चूंकि इस्तपात की मांग लगातार मजबूत बनी हुई है, लिहाजा लॉकडाउन के प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद आर्थिक गतिविधि के सामान्य होने से सभी बड़ी इस्पात उत्पादक अर्थव्यवस्थाओं में तैयार इस्पात का उत्पादन बढ़ गया है।
विभिन्न प्रोत्साहन पैकेजों के दम पर वैश्विक मांग में तेजी से वापसी होने के कारण मांग आपूर्ति अंतर काफी बढ़ गई है जिसके कारण गत एक वर्ष के दौरान इस्पात कीमतों में उछाल नजर आई।
रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि वैश्विक इस्पात कीमतें लौह अयस्क की कीमतों के रुझान पर आगे बढ़ेंगी।
घरेलू मोर्चे पर जहां दूसरी लहर ने इस्पात की मांग को कुछ समय के लिए धीमा कर दिया था वहीं केयर रेटिंग्स को उम्मीद है कि मॉनसून की समाप्ति के बाद बुनियादी ढांचा और निर्माण क्षेत्र में गतिविधि के जोर पकडऩे से इसमें दोबारा से तेजी आ सकती है।
