सर्वाधिक झटका सहने के बाद वायदा बाजार में आज बेस मेटल की कीमतों में फिर से तेजी देखने को मिली।
अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए चीन की योजना के बीच वैश्विक बाजार में मजबूती के रुख की वजह से सटोरियों द्वारा सौदों की कमी को पूरा करने के लिए लिवाली बढ़ाने से यह मजबूती आई है। अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डालर के कमजोर होने, वैश्विक इक्विटी बाजार में सुधार तथा हाजिर बाजार में औद्योगिक धातु की हाजिर मांग से वायदा कीमतों पर असर हुआ है।
डॉलर के कमजोर पड़ने से अन्य करेंसी धारकों के लिए के लिए बेसमेटल सस्ते बन पड़े और इसकी मांग बढ़ गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में तांबा के सर्वाधिक सक्रिय नवंबर अनुबंध की कीमत 2.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 187.55 रुपये प्रति किलो हो गई जबकि अप्रैल अनुबंध की कीमत 2.15 प्रतिशत के लाभ के साथ 199.80 रुपये प्रति किलो हो गया।
फरवरी अनुबंध की कीमत 1.88 प्रतिशत की तेजी के साथ 195 रुपये प्रति किलो हो गई। लंदन मेटल एक्सचेंज में तीन माह में डिलिवरी वाले तांबे की कीमत 2.3 प्रतिशत की तेजी के साथ 3,723 डॉलर प्रति टन हो गई।
कार्वी कॉमट्रेड के जी हरीश ने कहा, ‘निधियों के मोलभाव, कमजोर अमेरिकी डॉलर तथा निचले स्तर पर हाजिर मांग ने बेस मेटल की कीमतों में मजबूती लाने का काम किया।’ हरीश ने कहा कि वैश्विक इक्विटी बाजार में तेजी ने भी जिंस बाजार में आशा का संचार किया है।
बाजार विशेषज्ञों ने बेस मेटल की कीमतों में सुधार का कारण दुनिया में इन धातुओं के विशालतम उपभोक्ता देश चीन द्वारा अर्थव्यवस्था में गति लाने के लिए 600 अरब डालर लगाने की योजना को बताया जिससे इन धातुओं की मांग बढ़ गई।
नवंबर माह में डिलिवरी वाले निकल की कीमत 1.46 प्रतिशत की तेजी के साथ 571 रुपये प्रति किलो और दिसंबर अनुबंध की कीमत 1.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 571 रुपये प्रति किलो हो गई।
सीसा का नवंबर अनुबंध एक प्रतिशत की तेजी के साथ 66.50 रुपये प्रति किलो हो गया जबकि दिसंबर अनुबंध 1.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 67.55 रुपये प्रति किलो और जनवरी अनुबंध 0.59 प्रतिशत की तेजी के साथ 67.95 रुपये प्रति किलो हो गया।
एल्युमीनियम के दिसंबर अनुबंध की कीमत 1.11 प्रतिशत की तेजी के साथ 95.30 रुपये प्रति किलो हो गई जबकि नवंबर अनुबंध की कीमत 1.07 प्रतिशत की तेजी के साथ 94.45 रुपये प्रति किलो रही।