कोरोना महामारी के बीच इस दशहरे पर बाजारों में मंदी और ग्राहकों का टोटा हवा होता दिखा। जौहरियों के यहां सोने-चांदी के आभूषणों के खरीदारों की ऐसी भीड़ उमड़ी कि मुंबई में आभूषण खरीदारी के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए। इस दशहरे पर आभूषण बिक्री ने पिछले 20 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। कारोबारियों के मुताबिक दशहरे के मौके पर मुंबई वालों ने करीब 400 करोड़ रुपये का सोना खरीदा।
दो साल के लंबे कोरोना काल के बाद सराफा बाजार में खरीदारी में तेजी देखने को मिली। दशहरे पर खरीदारों के उत्साह से खुश कारोबारियों का मानना है कि खरीदारी का यह रुझाना धनतेरस और दीवाली पर भी कायम रहेगा। मुंबई ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कुमार जैन ने बताया कि दशहरे पर मुंबई में सोना खरीदारों ने पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करेंगे। सोने की कीमतें 58,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से घटकर 49,000 पर आ गईं। सोने की कीमतों आई गिरावट का फायदा उठाने के लिए लोगों ने जमकर खरीदारी की। बाजार में ग्राहकों की भीड़ उमडऩे की एक प्रमुख वजह लॉकडाउन के कारण घरों से निकलने में लगी पाबंदियों का हटना भी था, जिससे लोग उत्साहित थे।
जौहरियों का मानना है कि लोग पिछले डेढ़ साल से लॉकडाउन के कारण घर पर बैठे थे। लॉकडाउन के बाद लोगों ने राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय यात्राएं भी नहीं कीं, होटलों में खाना खाने भी नहीं गए। घर पर आयोजन के मौकों को भी सादगी से मनाया, जिससे लोगों के पास काफी पैसा बचा था। इसलिए दशहरे पर लोग खरीदारी के लिए उमड़ पड़े। पिछले साल ऑनलाइन कारोबार ज्यादा था। महज 30 फीसदी दुकानों और शोरूम से बिक्री हुई थी, जबकि इस बार यह उलट गया। उम्मीद से ज्यादा लोग घरों से बाहर निकले और दुकानों पर आकर आभूषणों की खरीदारी की। शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। उम्मीद की जा रही थी कि नवरात्रि से खरीदारी रफ्तार पकड़ेगी, लेकिन ज्यादातर ग्राहकों ने दशहरे के शुभ मुहूर्त में खरीदारी शुरू कर दी और यही वजह है कि मुंबई में एक ही दिन में 400 करोड़ रुपये का सोना खरीदा गया।
मुंबई के सराफा बाजार के प्रमुख व्यापारियों के मुताबिक राज्य में औसतन हर दिन सराफा बाजार में करीब 350 करोड़ रुपये से लेकर 400 करोड़ रुपये तक का कारोबार होता है। लेकिन दशहरे वाले दिन सिर्फ मुंबई में ही 400 करोड़ रुपये की सोना बिक्री का यह नया रिकॉर्ड कायम हुआ है।
इस बार खरीदारी की रुझान में भी बदलाव देखा गया है। दशहरे के अवसर पर लोगों ने अशरफी के बजाय आभूषणों को प्राथमिकता दी। इस बार सोने के सिक्के, गिन्नी और बिस्कुट की बिक्री लगभग 30 फीसदी हुई, जबकि बिक्री में सोने के आभूषणों की हिस्सेदारी 70 फीसदी रही।
रत्न एवं आभूषण का निर्यात 30 प्रतिशत बढ़ा
रत्न और आभूषणों का निर्यात सितंबर, 2021 में 29.67 फीसदी बढ़कर 23,259.55 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। एक साल पहले समान महीने में यह आंकड़ा 17,936.86 करोड़ रुपये था। सितंबर, 2019 में 23,491.20 करोड़ रुपये के रत्न और आभूषणों का निर्यात हुआ था। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीने – अप्रैल-सितंबर में रत्नाभूषणों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 134.55 फीसदी बढ़कर 1,40,412.94 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
